गंगोरी-अगोडा के जंगलों से काटी गई थी प्रतिबन्धित कांजल लकड़ी पुलिस ने तस्करों की योजना नाकाम की
देहरादून-सहारनपुर ले जाई जा रही लकड़ी, वन विभाग को सौंपा गया मामला
संवाददाता ठाकुर सुरेंद्र पाल सिंह
उत्तरकाशी।

डुण्डा पुलिस ने तड़के सुबह बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रतिबन्धित कांजल-काठ की तस्करी का खुलासा किया है। पुलिस ने वाहन संख्या UK 10C 1427 (यूटिलिटी) से 597 नग लकड़ी बरामद करते हुए दो तस्करों को गिरफ्तार किया। पकड़ी गई लकड़ी की कीमत लाखों में बताई जा रही है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी सरिता डोबाल के निर्देशन, पुलिस उपाधीक्षक उत्तरकाशी जनक सिंह पंवार के पर्यवेक्षण तथा एसएचओ कोतवाली उत्तरकाशी भावना कैंथोला के नेतृत्व में की गई।
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मिली जानकारी के अनुसार, प्रभारी चौकी डुण्डा प्रकाश राणा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने बुधवार सुबह लगभग 6:30 बजे डुण्डा बैरियर पर चेकिंग अभियान चलाया। इसी दौरान यूटिलिटी वाहन को रोककर जांच की गई तो उसमें से प्रतिबन्धित कांजल-काठ की लकड़ी बरामद हुई। पूछताछ में पता चला कि गोपाल बोहरा निवासी नेपाल (हॉल मोजांग, त्यूणी देहरादून) और विजय निवासी गंगोरी, उत्तरकाशी, इस लकड़ी को गंगोरी-अगोडा के जंगलों से इकट्ठा कर देहरादून व सहारनपुर ले जाने की फिराक में थे।
पुलिस ने तत्काल दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर वाहन और लकड़ी को जब्त कर लिया। इसके बाद विधिक कार्रवाई हेतु लकड़ी सहित मामला वन विभाग को सौंप दिया गया।
कांजल-काठ की लकड़ी उच्च हिमालय के आरक्षित वनों में पाई जाती है और औषधीय दृष्टि से अत्यंत मूल्यवान मानी जाती है। बौद्ध समुदाय के लोग इस लकड़ी से बने बाउल (बर्तन) का उपयोग खाद्य व पेय पदार्थों के लिए करते हैं। भारत, चीन, तिब्बत और नेपाल में इस लकड़ी की भारी मांग है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी अवैध तस्करी का नेटवर्क सक्रिय रहता है।
तस्करों के नाम व पते
- गोपाल बोहरा, पुत्र चन्द्र सिंह बोहरा, निवासी ग्राम डोली, थाना कंचनपुर, जिला कंचनपुर (नेपाल), वर्तमान निवास मोजांग, त्यूणी, देहरादून, उम्र 39 वर्ष।
- विजय, पुत्र प्रेमलाल, निवासी नाल्ड, गंगोरी, भटवाडी, उत्तरकाशी, उम्र 35 वर्ष (वाहन चालक)।
पुलिस टीम
उप निरीक्षक प्रकाश राणा, प्रभारी चौकी डुण्डा
कांस्टेबल राजेन्द्र गोस्वामी
कांस्टेबल अनिल नौटियाल
पीआरडी कृति
इस अभियान में पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से वन संपदा की बड़ी मात्रा में तस्करी रुक पाई है। जिले में प्रतिबन्धित वन उत्पादों की अवैध कटान और परिवहन पर नकेल कसने के लिए उत्तरकाशी पुलिस की यह कार्रवाई एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

