लोक सभा चुनाव की व्यवस्थाओं एवं प्रबंधन को देखने गुरुवार को जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी बागेश्वर अनुराधा पाल जिले के सबसे दूरस्थ गांव बोरबलड़ा पहुंची। जिला निर्वाचन अधिकारी ने करीब 8 किमी पैदल चलकर उच्च हिमालय की तलहटी पर बसे बोरबलड़ा पोलिंग बूथ पर किए गए प्रबंधन का जायजा लिया तथा मौके पर उपस्थित अधिकारियों को जरूरी-दिशा निर्देश दिए।
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विधानसभा कपकोट क्षेत्रान्तर्गत बोरबलड़ा में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बनाए गए पोलिंग बूथ का निरीक्षण करती हुई जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि जिला मुख्यालय से सबसे दूर इस पोलिंग बूथ पर बिजली,पानी,शौचालय की समुचित व्यवस्था पायी गई। फिलहाल यहां प्रकाश की व्यवस्था उरेड़ा विभाग द्वारा सौर ऊर्जा द्वारा की गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में आदर्श आचार संहिता प्रभावी है, निर्वाचन के बाद यहां की मूलभूत सुविधाओं को और सुदृढ़ करने पर बल दिया जाएगा। जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सबसे दूर इस गांव में 259 मतदाता है। जिसमें 140 पुरुष और 119 महिला मतदाता शामिल है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बोरबलड़ा से संदेश देते हुए कहा कि जिले की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद भी उच्च हिमालय में निवास कर रहें लोगों में लोक तंत्र के इस महापर्व को लेकर भारी उत्साह देखने को मिला है। उन्होंने जनपदवासियों से अपील करते हुए कहा कि निर्वाचन में एक-एक वोट महत्व रखता है, सशक्त और मजबूत सरकार बनाने में लोकतंत्र के इस महापर्व में अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करें। जिला निर्वाचन अधिकारी ने इस दौरान पोलिंग बूथ पर पहली बार बने नये मतदाताओं का स्वागत किया और शत प्रतिशत मतदान के लक्ष्य के लिए सभी से सहयोग की अपेक्षा की। इस दौरान पोलिंग बूथ पर मतदाता जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित हुए।
निरीक्षण के दौरान तहसीलदार आरएस बिष्ट सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।