उत्तराखंड में बढ़ते नशे के प्रचलन को रोकने के लिए उत्तरकाशी जनपद के डुण्डा ब्लॉक के उडरी गांव के लोगों ने एक सराहनीय पहल की है। ग्राम प्रधान भागचंद विष्ट, महिला मंगल दल, युवा मंगल दल और ग्रामवासियों ने मिलकर एक बैठक का आयोजन किया, जिसमें शादी, विवाह, चूडाक्रम संस्कार आदि कार्यक्रमों में शराब पर प्रतिबंध का प्रस्ताव पास किया गया।इस प्रस्ताव के अनुसार, कोई भी परिवार या व्यक्ति विशेष अपने घर के शादी, विवाह, चूडाक्रम संस्कार आदि कार्यक्रमों में शराब का वितरण नहीं करेगा। यदि किसी भी परिवार द्वारा इन कार्यक्रमों में शराब के सेवन की शिकायत मिलती है, तो उस परिवार के कार्यक्रम में कोई भी ग्रामवासी शामिल नहीं होगा और परिवार पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा, दंडित परिवार ग्रामवासियों के किसी भी कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो सकेगा।शराब पीना स्वास्थ्य और समाज के लिए हानिकारक है। पूर्व में गांव के शादी समारोहों में शराब के वितरण के कारण लड़ाई-झगड़े और अशांति की घटनाएं हुई हैं, जिससे ग्रामसभा में डर का माहौल उत्पन्न हुआ था। आने वाली पीढ़ी के भविष्य और नौजवानों की पीड़ा को ध्यान में रखते हुए, समाज के हित में यह निर्णय लिया गया है, जिसकी पूरे क्षेत्र में चर्चा हो रही है।इस पहल से उडरी गांव ने एक मिसाल कायम की है, जो अन्य गांवों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।इस निर्णय का उद्देश्य न केवल स्वास्थ्य और सुरक्षा को बढ़ावा देना है, बल्कि सामाजिक समरसता और शांति को भी बनाए रखना है। ग्रामवासियों का मानना है कि शराब के सेवन से होने वाले विवाद और हिंसा को रोकने के लिए यह कदम आवश्यक है। ग्राम प्रधान भागचंद विष्ट ने कहा, हमारा उद्देश्य है कि हमारे गांव में शांति और भाईचारा बना रहे। शराब के कारण होने वाले झगड़े और विवाद हमारे समाज को कमजोर करते हैं। इस प्रतिबंध से हम अपने गांव को एक बेहतर और सुरक्षित स्थान बना सकते हैं।महिला मंगल दल और युवा मंगल दल ने भी इस पहल का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय विशेष रूप से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे समाज का भविष्य हैं। शराब के सेवन से उनके स्वास्थ्य और करियर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।ग्रामवासियों ने इस निर्णय का स्वागत किया है और इसे सफल बनाने के लिए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। इस पहल की पूरे क्षेत्र में सराहना हो रही है और अन्य गांव भी इस दिशा में कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं।उडरी गांव का यह कदम समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उम्मीद है कि इस पहल से प्रेरित होकर अन्य गांव भी अपने समाज को नशामुक्त बनाने के लिए ऐसे ही कदम उठाएंगे।