हल्द्वानी वन प्रभाग में पक्षी गणना 2025: 215 से अधिक प्रजातियाँ दर्ज।
नंधौर वन्यजीव अभयारण्य बना उत्तराखंड में पूर्वी हिमालयी दुर्लभ पक्षियों का एकमात्र मजबूत गढ़ ।
हल्द्वानी वन प्रभाग/नंधौर वन्यजीव अभयारण्य में दिसंबर 2025 में सफलतापूर्वक कराई गई पक्षी गणना में 215 पक्षी प्रजातियों की उपस्थिति दर्ज की गई है। यह संख्या वर्ष 2023 की गणना में दर्ज 168 प्रजातियों की तुलना में 47 प्रजातियों की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाती है। यह परिणाम तराई आर्क लैंडस्केप में स्थित नंधौर वन्यजीव अभयारण्य की असाधारण पक्षी विविधता और उसके संरक्षण महत्व को पुनः स्थापित करते हैं।

यह पक्षी गणना 19 से 22 दिसंबर 2025 के बीच वन विभाग के फ्रंटलाइन फील्ड स्टाफ, प्रशिक्षित नेचर गाइड्स और विशेषज्ञों की टीम द्वारा की गई। गणना के दौरान प्वाइंट काउंट और लाइन ट्रांसेक्ट जैसी मानक वैज्ञानिक विधियों का उपयोग किया गया। सर्वेक्षण में आर्द्र साल वन, मिश्रित पर्णपाती वन, नदी तटीय क्षेत्र, आर्द्रभूमि (वेटलैंड) और घास के मैदान जैसे विविध आवासों को शामिल किया गया। पक्षियों की अधिक सक्रियता को ध्यान में रखते हुए सर्वे प्रातः एवं सायंकालीन समय में किया गया।

पक्षी गणना 2025 के प्रमुख निष्कर्ष
कुल पक्षी प्रजातियाँ (दिसंबर 2025): 215
वर्ष 2023 की तुलना में वृद्धि: +47 प्रजातियाँ
शीतकालीन एवं ऊँचाई पर प्रवास करने वाले पक्षियों की संख्या में वृद्धि
शिकारी पक्षियों (रैप्टर्स) एवं वन-आश्रित प्रजातियों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी
आर्द्रभूमि और नदी तटीय पक्षियों की विविधता में इजाफा
यह बढ़ी हुई प्रजातीय समृद्धि बेहतर आवास कवरेज, शीतकालीन प्रवास के चरम काल तथा नंधौर परिदृश्य की अक्षुण्ण पारिस्थितिकी का परिणाम है।
वैश्विक स्तर पर संकटग्रस्त एवं संरक्षण की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रजातियाँ

गणना के दौरान वैश्विक संरक्षण चिंता की 10 प्रजातियाँ दर्ज की गईं, जिनमें प्रमुख हैं—
अत्यंत संकटग्रस्त (Critically Endangered): व्हाइट-रंप्ड गिद्ध
संकटग्रस्त (Endangered): स्टेपी ईगल, पेल्लास फिश ईगल
असुरक्षित (Vulnerable): ग्रेट हॉर्नबिल, ग्रेट स्लेटी वुडपेकर
निकट संकटग्रस्त (Near Threatened): हिमालयन ग्रिफ़ॉन, सिनेरेयस गिद्ध, रूफस-बेलिड ईगल, लेसर फिश ईगल
इन प्रजातियों की उपस्थिति नंधौर वन्यजीव अभयारण्य के क्षेत्रीय ही नहीं, बल्कि वैश्विक संरक्षण महत्व को भी रेखांकित करती है।
दुर्लभ एवं जैव-भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पक्षी
गणना के दौरान कई दुर्लभ एवं क्षेत्रीय दृष्टि से महत्वपूर्ण पक्षी भी दर्ज किए गए, जिनमें—
ब्लैक बाज़ा
रेड-हेडेड ट्रोगन
सिल्वर-ईयर्ड मेसिया
कॉमन मर्ज़ेंसर
कॉलर्ड फाल्कोनेट
शामिल हैं। ये प्रजातियाँ सामान्यतः पूर्वी हिमालय और इंडो-मलायन क्षेत्र से संबंधित मानी जाती हैं, ऐसे में नंधौर क्षेत्र में इनकी उपस्थिति विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
ब्लैक बाज़ा और रेड-हेडेड ट्रोगन का विशेष महत्व
ब्लैक बाज़ा का अवलोकन वैज्ञानिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह प्रजाति सामान्यतः पूर्वी हिमालय, पूर्वोत्तर भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाई जाती है तथा नेपाल के मध्य भाग के पश्चिम में इसके प्रामाणिक रिकॉर्ड बहुत दुर्लभ हैं। हल्द्वानी वन प्रभाग में इसका दिखना, यदि फोटोग्राफिक साक्ष्य और विशेषज्ञ पुष्टि के बाद प्रमाणित होता है, तो यह पश्चिमी हिमालयी तराई क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण पश्चिमी विस्तार (Range Extension) माना जाएगा।
इसी प्रकार, रेड-हेडेड ट्रोगन का दिखना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह प्रजाति परिपक्व और अविक्षुब्ध वनों की पहचान मानी जाती है। इसकी उपस्थिति इस बात का संकेत है कि नंधौर क्षेत्र में वन संरचना, जैविक विविधता और सूक्ष्म आवास (माइक्रो-हैबिटैट) अब भी उच्च गुणवत्ता के हैं, जो पश्चिमी क्षेत्र में लगातार दुर्लभ होते जा रहे हैं।
निष्कर्ष
पक्षियों को विश्व स्तर पर पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य का जैव-सूचक (Bio-indicator) माना जाता है। पक्षी गणना 2025 के परिणाम स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि नंधौर वन्यजीव अभयारण्य में किए जा रहे आवास संरक्षण एवं प्रबंधन के प्रयास सकारात्मक और प्रभावी सिद्ध हो रहे हैं। यह उपलब्धि भविष्य में जैव विविधता संरक्षण के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी।




