कोरोना काल के बाद उत्तराखंड में मानव वन्य जीव संघर्ष में काफी बढ़ोतरी हुई है लॉकडाउन के दौरान शांत हुए शहर एवं गांव में इस बीच वन्य जीवो ने अपना दायरा बढ़ाया जिसके बाद इस तरह की घटनाओं में इजाफा हुआ. कहीं भालू तो कहीं टाइगर या फिर हाथियों के ज्यादा दखल के बाद सबसे अधिक नुकसान पर्वतीय क्षेत्र में गुलदार ने पहुंचाया जहां एकाएक इतनी घटनाएं बढ़ गई कि वन विभाग भी इन घटनाओं में लगाम नहीं लगा पाया वन विभाग की कमी कहेंगे या गुलदारो की संख्या में हो रही बेतहाशा वृद्धि इन सबके बीच सबसे अधिक नुकसान मानव को ही उठाना पड़ा पर्वतीय क्षेत्रों की बात की जाए तो पिछले कई दिनों से
अल्मोड़ा नगर के बद्रेश्वर वार्ड के थपलिया और पांण्डेखोला मुहल्ले में गुलदार घूमता हुआ दिखाई दे रहा है बीते दिनों पांण्डेखोला में गुलदार ने एक पालतू कुत्ते को उठाकर से अपना निवाला बनाया वही लोगों का शाम को निकलना मुश्किल कर दिया जिससे क्षेत्र के लोगो में भय व्याप्त है गांव वालों के अनुसार गुलदार सीसीटीवी में कैद हुआ है तथा थपलिया मोहल्ले के विजय अधिकारी के खेतों में घूमते हुए दिखाई दे रहे हैं इनकी संख्या दो है। जिसकी जानकारी वन विभाग के साथ ही सभासद मनोज जोशी को भी दी गयी है,मनोज जोशी का कहना है कि एक दो दिन में झाड़ियों की सफाई करा दी जाएगी, सामाजिक कार्यकर्ता संजय पांण्डे ने बताया कि पिछले साल भी तल्ला थपलिया में तीन गुलदार घूमते दिखाई दिए, जिसकी वीडियो फुटेज भी विभाग को उपलब्ध करवाए थे,तत्पश्चात वन विभाग द्वारा तल्ला थपलिया में गायत्री प्रज्ञा पीठ के पास एक पिंजरा लगाया गया,पर वन विभाग द्वारा गुलदार को पिंजरे में फंसाने के लिये कोई भी चारा नही डाला गया जिससे वह पिंजरे के पास आने के बावजूद फस नही सका कुल मिलाकर वन विभाग की कमी के चलते गुलदार अभी भी क्षेत्र में अपनी धमक बनाए हुए हैं तथा कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है क्षेत्रीय लोगों ने वन विभाग से तुरंत गुलदार को पकड़ने की मांग की है। अल्मोड़ा न्यूज़




