शिरडी महाराष्ट्र में उत्तराखण्ड एसटीएफ का बड़ा ऑपरेशन हरिद्वार जनपद से 2018 से फरार घोड़ासन गंग चादर गंग का एक लाख का इनामी एसटीएफ द्वारा गिरप्तार किये इनामी की सूचना पर उसके पूरे गिरोह को शिरडी थाना पुलिस से कराया गया लीडर गिरप्तार। गिरप्तार
इस गिरोह की शिरडी में भी बड़ी घटना घटित करने की थी। सम्पूर्ण भारत में इस गिरोह के खिलाफ दर्जनों मुकदमे दर्ज कई राज्यों से अब तक वांछित । वर्ष 2018 में रानीपुर माड हरिद्वार के पास इस गिरोह द्वारा प्राईम एप्पल शोरूम से लाखों रूपये के मोबाइल, लैपटॉप, आईपेड पर किया था हाथ साफ किया था ।
ज्ञात हो कि उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार द्वारा में इनामी अपराधियों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ श्री अग्रवाल के नेतृत्व में एसटीएफ द्वारा उत्तराखंड के गैंगस्टर एवं इनामी अपराधियों की लगातार गिरप्तारी की जा रही है। इनामी अपराधियों के विरूद्ध चलाये जा रहे ऑपरेशन में एसटीएफ द्वारा उत्तराखण्ड के अलावा दूसरे राज्यों में भी लगातार दबिशें दी जा रही हैं जिसके परिणाम स्वरूप एसटीएफ द्वारा विगत डेढ़ माह में 20 कुख्यात इनामी अपराधियों की गिरप्तारी की गयी है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ श्री आयुष अग्रवाल द्वारा बताया गया कि पिछले एक माह से घोडासन गैंग/चादर गैंग के सदस्यों पर एसटीएफ द्वारा योजना बनाकर कार्य किया जा रहा था तथा बारीकी से जानकारी जुटायी जा रही थी, क्योंकि घोड़ासन गैंग के कई सदस्य काफी समय से वांछित चल रहें हैं। इस गैंग के द्वारा उत्तराखण्ड के अलावा विभिन्न राज्यों में कई बड़े मोबाईल,लैपटॉप के ब्रान्डेड शोरूमों से चोरी की घटनायें घटित की गयी हैं। पूर्वा चंपारण बिहार के पास घोडासन गैंग / चादर गैंग द्वारा सम्पूर्ण भारत वर्ष में आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। इस गैंग के सदस्य गिरोह बनाकर अपने राज्य से बाहर अलग अलग राज्यों के बड़े शहरों में अपना गैंग लेकर चलते है व शहर के बाहर होटल किराए पर लेते हैं। फिर उस शहर में घटना घटित करने के लिये पहले किसी बड़ी ब्रान्डेड मोबाईल फोन/इलैक्ट्रानिक गैजेट्स की कम्पनी के शोरूम को चिन्हित करते है। उसके बाद रात्रि में उस शोरूम के बाहर चादर लगाकर गिरोह के सदस्य खड़े होते हैं और इस चादर की आड़ में एक सदस्य शोरूम का शटर उठाकर अन्दर जाता है. वहां से लाखों रूपये के कीमती मोबाईल फोन, लैपटॉप आदि मंहगे गैजेट्स को चोरी कर गैंग के सदस्यों के साथ फरार हो जाते है। फिर ये चोरी गये मोबाईल फोन व अन्य कीमती इलेक्ट्रॉनिक सामान को नेपाल जाकर बेच देते हैं, जिससे वे सर्विलान्स से ट्रैक नहीं हो पाते हैं। इस गैंग के सदस्यों का एक जगह ठिकाना नहीं रहता हैं, जिस कारण से इनकी आसानी से गिरप्तारी संभव नहीं हो पाती है ।
