जरा हटके

रेलवे से बड़ी खबर-हास्पिटल मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम से जुड़ा NER,संपूर्ण भारतीय रेल के विशेषज्ञ डॉक्टरों से सिर्फ एक क्लिक में ले सकते हैं अस्पताल में मदद, मरीज का ऑनलाइन किया जा सकता है इलाज ।।

गोरखपुर
पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबन्धक विनय कुमार त्रिपाठी ने पूर्वोत्तर रेलवे के सभी चिकित्सालयों हेतु हास्पिटल मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम (एच.एम.आई.एस.) का उद्घाटन फलक लोकार्पण कर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन खिड़की का भी फीता काटकर शुभारंभ किया । इसके साथ ही तीनों मंडलों के चिकित्सालयों, उप मण्डलीय चिकित्सालय/गोण्डा सहित 26 स्वास्थ्य इकाईयों में भी रेल टेल द्वारा क्रियान्वित चिकित्सालय प्रबन्धन सूचना प्रणाली लागू हो गई । इसके साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे सम्पूर्ण भारतीय रेल का प्रथम क्षेत्रीय रेल बना, जहाँ सभी केन्द्रीय, मण्डलीय, उप मण्डलीय चिकित्सालयों एवं स्वास्थ्य इकाईयों में यह प्रणाली लागू हुआ । इस दौरान महाप्रबन्धक ने रेलवे चिकित्सालय में निर्माणाधीन कोविड पीड्रियाट्रिक वार्ड का निरीक्षण कर आवश्यक सुधार के निर्देश दिये। इस अवसर पर अपर महाप्रबन्धक श्री अमित कुमार अग्रवाल, वरिष्ठ उप महाप्रबन्धक श्री डी.के.सिंह, प्रमुख विभागाध्यक्ष, चिकित्सा निदेषक, वरिष्ठ रेल अधिकारी, चिकित्सक, चिकित्साकर्मी उपस्थित थे । इसके अतिरिक्त उद्घाटन के अवसर पर तीनों मंडलों के मंडल रेल प्रबन्धक टेली कांफ्रेंसिग के माध्यम से उपस्थित रहे ।

इस अवसर पर महाप्रबन्धक श्री त्रिपाठी ने कहा कि चिकित्सा डेटा का डिजिटाइजेशन रेलवे स्वास्थ्य सेवा लाभार्थियों के लिये यूनिक मेडिकल आई.डी.(उमीद) आधारित ऑनलाइन चिकित्सा व्यवस्था है। इसके पूर्णरूप से कार्यरत होने पर सम्पूर्ण भारतीय रेलवे से डाॅक्टर आवश्यकता पड़ने पर एक दूसरे से सम्पर्क कर सकते हैं तथा आपरेशन के समय भी विषेषज्ञ चिकित्सों से आपातकालीन सलाह ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे के विभिन्न चिकित्सालयों में उच्चकोटि के विशेषज्ञ डाॅक्टर उपलब्ध हैं, जिनकी सेवायें इस माध्यम से ली जा सकती हैं। श्री त्रिपाठी ने कहा कि एच.एम.आई.एस. के साथ एकीकृत रेलवेज एच.एम.आई.एस. एप के माध्यम से रोगी वर्चुअल परामर्ष प्राप्त करने में सक्षम हो सकेंगे, जिससे न केवल उनकी कोविड से सुरक्षा होगी बल्कि अस्पताल आगमन भी कम होगी । उन्होंने इसकी सराहना करते हुये सभी को बधाई दी तथा उम्मीद जताई कि यह सिस्टम अपनी ऊँचाइयों पर जायेगा ।

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प्रमुख मुख्य सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर श्री अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि रेलटेल ने काफी मेहनत करके इस प्रणाली को विकसित किया है। यह प्रणाली पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय, मंडलों सहित 26 स्वास्थ्य इकाईयों में एक साथ शुरू किया गया है। इससे मरीज को कहीं भी उपचार कराने में आसानी होगी। कार्यकारी निदेषक/उत्तर रेलवे, रेलटेल श्रीमती विजय लक्ष्मी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से हर्ष व्यक्त करते हुये कहा कि इस प्रणाली की शुरूआत लखनऊ मंडल से हुई थी, परन्तु बाकी जगहों पर यह सुविधा नही थी । अब यह सम्पूर्ण पूर्वोत्तर रेलवे पर लागू हो गई है।

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चिकित्सा निदेशक डा0 कुमार उमेश ने सभी का स्वागत करते हुये कहा कि एच.एम.आई.एस.डिजिटल रूप में मरीजों का डेटा रिकार्ड रहता है, जिसमें विभिन्न प्रकार की जांच, रोग, उपचार एवं दवाईयां आदि सभी का विवरण रहता है। इसके माध्यम से रेलवे चिकित्सा सुविधा का दुरूपयोग नही हो पाता है तथा मरीज कहीं भी उपचार ले सकता है। एच.एम.आई.एस. जहाँ एक ओर रेलवे लाभार्थी की मूलभूत जरूरतों को पूरा करने हेतु सम्पूर्ण डेटा आसानी से उपलब्ध होगा, वहीं दूसरी ओर चिकित्सक बेहतर इलाज करने में सक्षम होंगे तथा प्रशासन व्यवस्थित डेटा के साथ बेहतर निर्णय लेने में सक्षम होंगे। एच.एम.आई.एस. की स्थापना रेलटेल कार्पोरेशन ऑफ इण्डिया द्वारा किया गया है, जिसमें सभी डाॅक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को विभिन्न तरह के ऑनलाइन माड्यूल्स उपलब्ध कराये गये है, ताकि रोगियों को हर प्रकार से सेवायें सुनिश्चित की जा सकें। इसी एप पर रोगी अपना पंजीकरण, डाॅक्टर का पर्चा, लैब रिपोर्ट आदि भी देख सकते हैं। इसमें यू.एम.आई.डी. अथवा पी.एफ.नम्बर अथवा मोबाइल नम्बर अथवा आधार नम्बर से भी रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इस एप की मदद से ऐसे मरीज जो अस्पताल नहीं आ सकते, उन्हें टेली कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भी परामर्ष दिया जा सकेगा । एक बार रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद मरीज का डेटा तैयार हो जाता है, जिससे वह कभी भी, कहीं भी उपचार करा सकता है।

महाप्रबन्धक/रेल टेल श्री दीपू श्याम ने कहा कि भारतीय रेलवे पर 151 अस्पतालों पर इसे लागू किया जाना है। भारतीय रेलवे में अस्पताल संचालन को निर्बाध बनाने के लिये अस्पताल प्रबन्धन को एक ही संरचना पर लाने के उद्देष्य यूनिक मेडिकल आई.डी. (यू.एम.आई.डी.) आधारित अस्पताल प्रबन्धन सूचना प्रणाली (एच.एम.आई.एस.) के कार्यान्वयन का निर्णय लिया । विभागों और प्रयोगशालाओं का डेटा, एक से अधिक अस्पताल के क्रास परामर्ष का डेटा, की गई चिकित्सा आदि रोगियों को अपने मोबाइल डिवाइस पर प्राप्त होगा । एच.एम.आई.एस. के करीब 20 माड्यूल हैं। इनमें पंजीकरण, क्लीनिकल, प्रषासनिक, रोगी सेवायें और सहायक माड्यूल्स जैसे ओ.पी.डी., आई.पी.डी, लैब्स, जांचे, फार्मेंसी, रेफरल, मेडिकल परीक्षा, सिक फिट सर्टीफिकेषन तथा मेडिकल दावों की प्रतिपूर्ति आदि शामिल हैं।

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