उत्तराखण्ड

खबर भी अनोखी–: इस अभिनव प्रयोग से स्कूल के बच्चों को होगा फायदा, मार्ग में बाधा बन रहा था पीपल का वृक्ष,इस तरह से उठाकर दूसरी जगह किया गया शिफ्ट।

बाजपुर
पर्यावरण संरक्षण के प्रति यदि हम आज संजीदा होंगे तो आने वाली पीढ़ी भी उसी मार्ग पर चलकर पर्यावरण संरक्षण पर कार्य करेंगी इसी मुहिम को आगे एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति कार्य करने वाले बाजपुर के जागरूक अमित सैनी की बात की जाए तो उनके द्वारा चलाई गई मुहिम अब इंटर कॉलेज में छात्र छात्राओं को छांव देगी।
हम बात कर रहे हैं बाजपुर में हुए इस अभिनव प्रयोग की जो एक बड़ी चुनौती तो थी लेकिन पर्यावरण के प्रति कार्य करने वाले अमित सैनी की मेहनत एवं लगन के साथ जिद ने इस मुहिम को अंत तक पहुंचाने मे मदद की।


बाजपुर दोराहे पर स्थित पीपल व खजूर के बड़े पेड़ को रिलोकेट कर उसे रीप्लांट करने का अभिनव प्रयोग को सफलता पूर्वक पूरा कर लिया गया है। दोराहा से इस बेहद प्राचीन पीपल और खजूर के मिश्रित वृक्ष को मूल स्थल से निकाल कर चार किलोमीटर दूर स्थित राजकीय इंटर कालेज केलाखेड़ा परिसर में परिस्थापित कर दिया गया। भारी भरकम वृक्ष को अन्यत्र स्थापित किये जाने के इस एकल प्रयास को लेकर तमाम पर्यावरण प्रेमी समाज ने गहरा हर्ष व्यक्त किया है।

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दिल्ली से आये पेड़ो को रिलोकेट कर उन्हें रीप्लांट करने के विशेषज्ञ अजय नागर तथा स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ता अमित सैनी की देखरेख में बीते दिनों बाजपुर दोराहा स्थित बेहद प्राचीन पीपल और खजूर के मिश्रित वृक्ष को मूल स्थान से हटा कर उसे नये स्थल पर सफलतापूर्वक परिस्थापित कर दिया गया। स्थानीय पर्यावरण संस्था ग्रीन बाजपुर क्लीन बाजपुर से जुड़े अमित सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि सात माह पूर्व दोराहे पर मार्ग के बीच में स्थित शिव मंदिर को अन्यत्र परिस्थापित कर दिये जाने के बाद वहां स्थित एक बड़े पीपल और खजूर के वृक्ष को काट कर मार्ग चौड़ा करने की प्रशासनिक योजना के विपरीत श्री सैनी ने पीपल को किसी कीमत पर नही काटने देने और इसे वैज्ञानिक पद्धति से अन्यत्र परिस्थापित करने की मांग प्रशासन व वन विभाग से की थी। कई माह के प्रयासों के बाद वनाधिकारियों व स्थानीय प्रशासन की पर्याप्त अनुमति के बाद दिल्ली में वृक्षों को परिस्थापित करने में विशेषज्ञ अजय नागर को बाजपुर स्थित इस एकल वृक्ष को परिस्थापित करने के लिये मना लिया गया।
विगत तीन माह के अंदर श्री नागर और उन की टीम ने पहले इस बड़े पेड़ की पुरानी जड़ों को काट कर पेड़ का सम्बंध मूल भूमि से विच्छेद कर उसे पर्याप्त रसायनो के माध्यम से जीवित रखा। तीन माह के बाद जब पेड़ पर नये पत्ते आ गये तब इसे दो बड़ी क्रेन के माध्यम से उठा कर एक बड़े ट्राले में रखवा कर समूल पेड़ को चार किलोमीटर दूर राजकीय इंटर कालेज केलाखेड़ा के नये परिसर स्थित क्रीडा मैदान में सफलता पूर्वक परिस्थापित कर दिया।
इस सम्बंध में विशेषज्ञ अजय नागर ने बताया कि पेड़ को पूरी सफलता से परिस्थापित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि उठाये जाने की प्रक्रिया के दौरान पेड़ के तने को कुछ नुकसान तो हुआ है पर उस पर रासायनिक लेप लगा दिया गया है। उन्होंने बताया कि एक माह के अंदर पेड़ में नये पत्ते आ जायेंगे और यह आने वाले समय में पर्यावरण सरंक्षण की एक मिसाल बन के दिखेगा।

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इस से पूर्व स्थानीय दोराहे पर गहरी आस्था के केंद्र बने पीपल के वृक्ष को उठा कर अन्यत्र ले जाने से पूर्व वृक्ष पूजा की गयी। इस दौरान उपजिलाधिकारी विवेक प्रकाश ने नारियल फोड़ कर शुभकार्य का आरम्भ किया। पीपल के केलाखेड़ा काॅलेज में स्थापित हो जाने पर उपजिलाधिकारी विवेक प्रकाश वहां भी पहुंचे और उन्होंने सफलतापूर्वक कार्य पूरा करने पर श्री नागर और समूची टीम को अपनी शुभकामनाऐं भी दी।
पीपल पेड़ के परिस्थापित किये जाने की प्रक्रिया के दौरान स्थानीय दोराहा चौकी पुलिस, बाजपुर राजस्व प्रशासन तथा बन्नखेड़ा वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी मौजूद रहें। दोराहा क्षेत्रवासियों ने भी भारी संख्या में इस अनोखी कार्यवाही को नजदीक से देखा और उस का फिल्मांकन भी किया।

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