उत्तराखण्ड

मौसम अपडेट (उत्तराखंड) पहाड़ों में बरसात तो मैदानों में भीषण गर्मी. मानसून की चाल हुई सुस्त, अब यहां पहुंचा मानसून ।

Uttarakhand city news dehradun उत्तराखंड में मौसम का हाल गर्मी के साथ-साथ पर्वती क्षेत्र में सुहावना बना हुआ है मैदानी क्षेत्र में जहां 38 डिग्री तक तापमान पहुंच रहा है वही उच्च वाले क्षेत्र में बरसात से लोगों को कुछ राहत मिली है लेकिन इन सब के बीच पूरे देश के लिए मौसम की बड़ी अपडेट आ रही है ।

मानसून ने इस साल समय से पहले और मजबूत दस्तक दी थी, लेकिन अब वह सुस्त पड़ गया है। सामान्यतः कमजोर मानसूनी धारा पूर्वोत्तर भारत में वर्षा को बढ़ाती है, जिससे असम घाटी में बाढ़ की स्थिति बन जाती है। इसी क्रम में असम में तेज बारिश हुई और बाढ़ की स्थिति बनी। अब पूर्वोत्तर में बारिश में कमी आई है, जिससे कुछ क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति में सुधार हो रहा है। हालांकि, इस क्षेत्र की विशेषता है कि बारिश रुकने के बाद भी नदियों और जलधाराओं में बहाव कुछ दिनों तक जारी रहता है।

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मानसून की उत्तरी सीमा पर ठहराव

मानसून की उत्तरी सीमा (NLM) 26 मई 2025 से मुंबई और पश्चिमी तट पर स्थिर बनी हुई है। इसकी पूर्वी शाखा भी सिक्किम और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल से आगे बढ़ने में असमर्थ है। कोलकाता अब तक अपनी पहली मानसूनी वर्षा का इंतजार कर रहा है। दोनों दिशाओं पश्चिमी तट और पूर्वी भारत में 12 जून तक मानसून के आगे बढ़ने की संभावना नहीं है।

11 जून से खाड़ी में बन सकता है मौसमी सिस्टम

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11 जून को पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी (BoB) में एक चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है, जो 12 जून तक और सक्रिय होकर दक्षिण प्रायद्वीप की ओर बढ़ सकता है। इस सिस्टम के प्रभाव से 11 जून को आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक में हल्की से मध्यम वर्षा की शुरुआत होगी। इसके बाद अगले 2-3 दिनों में कर्नाटक और महाराष्ट्र के आंतरिक क्षेत्रों में वर्षा की तीव्रता और क्षेत्रफल दोनों में बढ़ोत्तरी होगी। केरल, तटीय कर्नाटक, गोवा और कोंकण क्षेत्र में भारी से बहुत भारी बारिश संभव है।

यह सिस्टम सामान्य मानसूनी सिस्टम जैसा नहीं होगा

यह मौसमी सिस्टम पारंपरिक मानसून की शुरुआत जैसा नहीं होगा। यह वर्षा उन्हीं क्षेत्रों में लाएगा, जहाँ मानसून पहले ही पहुंच चुका है। सामान्यतः इस समय मानसून को गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, बिहार और छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ना चाहिए। हालांकि, यह सिस्टम इन क्षेत्रों में मानसूनी पूर्वी हवाओं का प्रवाह शुरू कर सकता है, लेकिन जरूरी नहीं कि इससे व्यापक और ताकतवर मानसूनी वर्षा हो।

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14-15 जून को नया सिस्टम संभावित

संभावना है कि 14-15 जून के आसपास बंगाल की खाड़ी के ऊपरी हिस्से में एक और चक्रवाती परिसंचरण विकसित हो सकता है। यह सिस्टम पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार में मानसून को आगे बढ़ा सकता है। हालांकि, मौसम पूर्वानुमान मॉडल 5 दिनों से अधिक की अवधि के लिए कम सटीक हो जाते हैं, इसलिए फिलहाल पूर्वी भारत में मानसून की प्रगति को लेकर कोई निश्चित टिप्पणी करना जल्दबाज़ी होगी।

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