उत्तर प्रदेश

(उत्तराखंड)यहाआतंक का पर्याय बने बाघ को किया गया कैद,जांच पड़ताल के बाद छोड़ा जाएगा जंगल में।।

खटीमा-: उधम सिंह नगर, तराई पूर्वी वन प्रभाग खटीमा क्षेत्र में पिछले कई महीनों से आतंक का कारण बनते बाघ को बीते रोज ट्रेंकुलाइज कर उसे पकड़ने में सफलता पाई है सुरई वन रेंज की खटीमा के झाऊ परसा इलाके में आतंक का पर्याय बने आदमखोर बाघ को चिकित्सीय जांच के लिए रेस्क्यू सेंटर रानीबाग ले जाया गया जहां से उसे परीक्षण के बाद निर्णय लिया जाएगा । हल्द्वानी से पहुंची वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट और पशु चिकित्सकों की टीम ने आदमखोर बाघ को ट्रेंकुलाइज कर बेहोश का पकड़ लिया है।

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बताया जाता है कि खटीमा में सुरई वन रेंज से लगे झाऊपरसा सहित अन्य गांवो में विगत एक माह से आदमखोर बाघ का खौफ पसरा हुआ था। आदमखोर बाघ द्वारा झाऊ परसा इलाके में 13 मई और 25 मई को दो ग्रामीणों हमला कर मार डाला था। जिसके बाद से वन विभाग द्वारा आदमखोर बाघ को पकड़ने के लिए कैमरा ट्रैप लगाकर उसकी सही लोकेशन लेकर घटनास्थल पर पिजड़े लगाया था साथ ही ड्रोन से लगातार बाघ की मूवमेंट की मॉनिटरिंग की जा रही थी।
मुख्य वन संरक्षक उत्तराखंड द्वारा बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति मिलने के बाद 2 पशु चिकित्सक व एक वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए खटीमा पहुंचे थे।मंगलवार की सुबह से आयुष उनियाल और डॉक्टर पांगती और वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की संयुक्त टीम द्वारा पूरनपुर रोड पर आदमखोर बाघ को ट्रेस कर उसे ट्रेंकुलाइज किया गया। बाघ को बेहोश कर सुरई वन रेंज के ऑफिस में लाया गया जहां से उसे रानीबाग रेस्क्यू सेंटर ले जाकर चिकित्सीय परीक्षण किया जाएगा।बाघ को पकड़ने वाली टीम में प्रशिक्षु आई एफ एस डी नायक,सुरई वन रेंज के रेंजर सुधीर कुमार,डिप्टी रेंजर सतीश रेखाड़ी,वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट टीम व डॉक्टर के अलावा खटीमा सुरई वन रेंज स्टाफ शामिल रहा।

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