देहरादून राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एससीपीसीआर) की अध्यक्ष गीता खन्ना ने मसूरी के एक निजी स्कूल में छात्र की मौत के मामले में संबंधित अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। खन्ना ने बताया कि आयोग ने सोमवार को छात्र की मौत का तत्काल संज्ञान लिया है। उन्होंने देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को बच्चे के डूबने की परिस्थितियों की जांच के लिए एक मेडिकल टीम बनाने का निर्देश दिया है, साथ ही प्राथमिक उपचार और उसके बाद प्रदान की गई अन्य सुविधाओं की भी जांच करने को कहा है। उन्होंने बताया कि मूल्यांकन में अस्पताल में ऑक्सीजन की उपलब्धता और सुरक्षाकर्मियों और लाइफगार्ड की तैनाती के साथ-साथ प्राथमिक उपचार, लाइफ सपोर्ट और सीपीआर प्रदान करने की उनकी क्षमता भी शामिल होगी। उन्होंने आगे बताया कि देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ-साथ जिला मजिस्ट्रेट, सीएमओ और देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) को पूरे मामले की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। खन्ना ने बताया कि पिछले साल हल्द्वानी के एक स्कूल का छात्र बरेली के एक पार्क में डूब गया था। उस घटना के बाद, आयोग ने सरकार को एक पत्र लिखा, जिसमें शिक्षा और पर्यटन विभागों को सूचित किया गया कि सभी साहसिक खेल स्थलों और स्कूलों में कम से कम 30 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए सीपीआर प्रशिक्षण होना अनिवार्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस आवश्यकता का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दुर्घटना की स्थिति में कर्मचारी केवल घबराने के बजाय तत्काल सहायता प्रदान कर सकें।
