Uttarakhand city news dehradun
उत्तराखंड में मौसम में बदला रुख अपना रहा है । उत्तराखंड में मानसून विदा होने के बाद भी बरसात का दौर जारी है 2 अक्टूबर को ही बरसात ने जनजीवन भी अस्त-व्यस्त कर दिया दशहरा पर्व में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। दो-तीन दिनों से कभी-कभी पड़ रही हल्की बौछारों ने गर्मी से हल्की राहत तो दी, लेकिन चटक धूप निकलते ही गर्मी ने परेशान भी किया। प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में इन दिनों हल्की बारिश के दौर हो रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक आज देहरादून, नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले के अनेक स्थानों और टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली, अल्मोड़ा, चम्पावत व उधम सिंह नगर जिले के कुछ स्थानों में हल्की से मध्यम बारिश और गर्जन के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। वहीं, बाकी जिलों में कहीं-कहीं बहुत हल्की बारिश होने का अनुमान है। 7 अक्टूबर तक अभी और बरसात का अनुमान है।
भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून का आधिकारिक समय 01 जून से 30 सितम्बर तक माना जाता है। आज सुबह 8:30 बजे तक हुई बारिश के साथ मानसून 2025 का आधिकारिक समापन हो गया। इस साल मानसून का असाधारण रहा, क्योंकि इस सीजन में लंबी अवधि के औसत (LPA) का 108% बारिश हुई है। गौरतलब है, लगातार दूसरे साल मानसून सामान्य से ऊपर रहा है।
हालाँकि मानसून की आधिकारिक अवधि जून से सितम्बर तक सीमित मानी जाती है, लेकिन वास्तव में इसका असर मध्य मई से मध्य अक्टूबर तक यानी लगभग 5 महीने रहता है। इस बार भी 1 से 15 अक्टूबर 2025 के बीच देश के कई हिस्सों में बारिश होने की संभावना है। यह बारिश उन इलाकों में भी होगी, जहाँ से आधिकारिक रूप से मानसून की विदाई घोषित हो चुकी है।
मानसून में कोई टिपिकल ब्रेक नहीं हुआ। हाँ, अगस्त के पहले हिस्से में थोड़ी कमी जरूर रही, लेकिन सीज़न के शुरुआती अधिशेष ने उस कमी को पूरा कर दिया।
पूरे सीज़न में सिर्फ 9% क्षेत्र ही बारिश की कमी वाला रहा है, यानी बहुत ही कम हिस्सों में कमी रही।
जुलाई और अगस्त जैसे कोर मानसून महीनों जुलाई और अगस्त में मध्य भारत के वर्षा-निर्भर इलाकों में अच्छी बारिश हुई।
मानसून सीजन की शुरुआत में मराठवाड़ा और रायलसीमा में बारिश की कमी दिखी थी, लेकिन बाद में अच्छी बारिश ने इस कमी को पूरा कर अधिशेष (surplus) में बदल दिया।
पूरे मानसून सीजन में बिहार कमजोर कड़ी रहा, यहां राज्य पूरे सीजन लगभग 30% बारिश की कमी से जूझता रहा।
लगातार कई वर्षों की तरह इस बार भी पूर्वोत्तर राज्यों में मानसून कमजोर रहा।
इस बार मानसून के लंबे ठहराव के कारण मुंबई और कोलकाता से मानसून की वापसी क्रमशः 10 और 15 अक्टूबर के आसपास होगी। उत्तर भारत के मैदानों में अतिरिक्त वर्षा रबी फसलों के लिए अच्छा संकेत है, बशर्ते खरीफ फसल की कटाई और सुरक्षित भंडारण पूरा हो चुका हो।

