उत्तराखण्ड

मौसम अपडेट(देहरादून) बदलने लगा है मौसम का मिजाज, दक्षिण पश्चिम मानसून के भी मिलने लगे संकेत ।।

Uttarakhand city news dehradun रविवार का दिन है और मई महीने की 18 तारीख होने को आई है लेकिन गर्मी ने अपना वर्चस्व बनाए रखा हुआ है पढ़ रही भीषण गर्मी के बीज पर्वती क्षेत्र में बरसात की हल्की फुल्की फुहार देखने को मिल रही है जिससे पर्वती क्षेत्रों में मौसम सुहावना बना हुआ है इन सब के बीच देश में मानसून आने के संकेत मिलने लगे हैं।
उत्तराखंड राज्य मौसम विभाग के अनुसार आज उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में कहीं-कहीं गर्जन के साथ हल्की बारिश हो सकती है। मैदानी क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहेगा और दोपहर के समय 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।

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सोमवार और मंगलवार को प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में तीव्र बौछारें पड़ने, आकाशीय बिजली चमकने और अंधड़ चलने का येलो अलर्ट है। चारधाम और यात्रा मार्ग पर भी कई जगह बारिश और अंधड़ चलने से तीर्थयात्रियों को परेशानी हो सकती है।
दक्षिण भारत में मानसून आने के संकेत, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र और तेलंगाना में मूसलधार बारिश के आसार
दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत इस समय दो अलग-अलग चक्रवाती परिसंचरणों के प्रभाव में है, एक उत्तर आंतरिक कर्नाटक पर और दूसरा उत्तर तटीय तमिलनाडु पर सक्रिय है। इन मौसम प्रणालियों के कारण अगले 24 से 48 घंटों के दौरान दक्षिण भारत के कई राज्यों में भारी बारिश और गरज-चमक की गतिविधियाँ देखी जाएंगी।

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किन राज्यों और शहरों में होगी सबसे अधिक बारिश?

आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम, गोदावरी, विजयनगरम और श्रीकाकुलम जैसे शहरी इलाकों में तेज़ गरज के साथ बारिश की संभावना है। कर्नाटक में बेंगलुरु, मैसूरु, तुमकुर, मंगलुरु और मंड्या जैसे शहरों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। तमिलनाडु के वेल्लोर, तिरुचिरापल्ली, सलेम, धर्मपुरी, नामक्कल, तंजावुर, पुदुकोट्टई, शिवगंगा, मदुरै और डिंडिगुल जिलों में भी तेज़ बारिश के आसार हैं।

मानसून की दस्तक का संकेत
यह बारिश की तीव्रता दक्षिण-पश्चिम मानसून की दस्तक से पहले की एक झलक हो सकती है। इन बारिशों के बाद तापमान में गिरावट आएगी, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी। इसके साथ ही यह वर्षा क्षेत्र के जलाशयों को भी भरने में मदद करेगी, जो कि समय पर और व्यावहारिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है।

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इस भारी वर्षा के चलते कई इलाकों में फ्लैश फ्लड (अचानक बाढ़) और जलभराव की स्थिति बन सकती है। खासकर शहरों और निचले इलाकों में यातायात और सामान्य जनजीवन प्रभावित हो सकता है। लोगों को सावधानी बरतने और मौसम अलर्ट का पालन करने की सलाह दी जाती है।

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