यहां ट्रेन में चल रहे ट्रेन पर्यवेक्षक एक परिवार के लिए देवदूत बनकर के सामने आए उनके द्वारा किया गया अपने कर्तव्य से हटकर कार्य ने आज उन्हे देवदूत के रूप में स्थापित किया मामला 4 जून, है जब उपमुख्य टिकट निरीक्षक, मथुरा छावनी ईश्वर सागर ट्रेन संख्या 19410 में अपनी ड्यूटी पर थे इस बीच एक महिला यात्री के बच्चे को दौरा पड़ गया और बच्चा अवचेतन अवस्था की ओर जाने लगा। महिला यात्री ने कार्यरत टिकट जांच निरीक्षक से अपने बच्चे को बचाने की गुहार लगाई। जिस पर ईश्वर सागर ने त्वरित कार्यवाही करते हुए एवं अपनी सुझ-बूझ का परिचय देते हुए सर्वप्रथम बच्चे के इर्दगिर्द एकत्र हुए लोगों को हटाया तदुपरांत बच्चे के कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन (सीपीआर) देकर उसे तृतीय वातानुकूलित कोच में एक बर्थ की व्यवस्था कर वाणिज्य नियंत्रक, इज्जतनगर के माध्यम से डाक्टर को बच्चे के उपचार हेतु बुलाया। डाक्टर ने प्राथमिक उपचार के उपरांत बच्चे को आगे की यात्रा करने की अनुमति दे दी। बच्चा स्वस्थ हो जाने पर बच्चे की माँ ने श्री ईश्वर सागर को तहेदिल से साघुवाद दिया और नगद पुरस्कार देने की कोशिस की जिसे श्री ईश्वर सागर ने विनम्रता पूर्वक अश्वीकारते हुए बच्चे की जान को बचाना अपनी पहली प्राथमिकता एवं कर्तव्य बताया। श्री ईश्वर द्वारा की गई नेक कार्य पर समस्त यात्री जनता एवं रेल कर्मचारियों के बीच सर्वत्र मुक्त कंठ से प्रशंसा हो रही है।
पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर डिविजन बरेली