वन संरक्षक ने किया गौला व नंधौर नदी खनन क्षेत्रों का निरीक्षण
हल्द्वानी। पश्चिमी वृत्त के वन संरक्षक डॉ. साकेत बड़ोला ने शनिवार को तराई पूर्वी वन प्रभाग के अंतर्गत गौला नदी व नंधौर नदी के खनन गेटों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने आगामी खनन सत्र की तैयारियों की समीक्षा की।
प्रभागीय वनाधिकारी ने अवगत कराया कि गौला नदी के उपखनिज चुगान कार्य से लगभग एक से डेढ़ लाख लोग जुड़े हैं। यहां 7531 पंजीकृत वाहनों के माध्यम से 14 निकासी गेटों से चुगान होता है। विगत खनन सत्र 2024-25 में गौला नदी से 39.27 लाख घनमीटर चुगान कर 50.45 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
वन संरक्षक ने चुगान कार्य को स्थानीय लोगों की आजीविका से जुड़ा बताते हुए निर्देश दिए कि रैंप, रोड और पिलर निर्माण जैसे कार्य समय पर पूरे किए जाएं। उन्होंने कहा कि चुगान कार्य भारत सरकार की अनुमति शर्तों के अनुरूप ही संचालित हो और वन विकास निगम के समन्वय से पारदर्शिता बनाए रखी जाए।
बाढ़ और भू-कटाव की समस्या पर उन्होंने प्रभागीय वनाधिकारी को नदी तटों पर रीवर ट्रेनिंग कार्यों का विस्तृत प्रस्ताव उच्च स्तर पर भेजने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के बाद वन संरक्षक ने प्रस्तावित हल्द्वानी जू एंड सफारी स्थल का दौरा किया और मास्टर प्लान एवं प्रस्तुतियों का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना भविष्य में वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण शिक्षा का प्रमुख केंद्र बनेगी तथा इको-पर्यटन को बढ़ावा देगी।
उन्होंने यह भी बताया कि 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक वन विभाग “स्वच्छता ही सेवा” विशेष अभियान चलाएगा। इस दौरान सफाई अभियान, प्लास्टिक अपशिष्ट संग्रहण, वृक्षारोपण और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होंगे।
वन संरक्षक ने किशनपुर और रनसाली रेंज का भी निरीक्षण किया। रनसाली के कड़ापानी खनन गेट पर उन्होंने चुगान सत्र से पूर्व सभी आवश्यक सर्वे और सुरक्षा कार्य समय पर पूरे करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागरी, उप प्रभागीय वनाधिकारी अनिल जोशी समेत कई अधिकारी और वनकर्मी मौजूद रहे।

