नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष करने के मामले में याचिकाकर्ता से विश्व विद्यालय के सक्षम प्राधिकारी के समक्ष प्रत्यावेदन देने व विश्व विद्यालय को इस प्रत्यावेदन पर एक सप्ताह के भीतर निर्णय लेने को कहा है ।
मामले के अनुसार मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ के डॉ. महेंद्र सिंह नेगी द्वारा याचिका दायर याचिका की थी । जिसमे उन्होंने बताया था कि जी बी पन्त कृषि व प्राद्यौगिकी विश्व विद्यालय के अधिनियम के मुताबिक शिक्षकों को 65 साल में सेवानिवृत्त होने है लेकिन विश्व विद्यालय उन्हें 60 साल में ही सेवानिवृत्त करने जा रहा है । याचिकाकर्ता वर्तमान में पंतनगर विश्व विद्यालय के ज्योलीकोट स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में कार्यरत है । याचिका में उन्होंने चंद्रशेखर तिवारी बनाम राज्य सरकार व मो.सरफराज खान मामले में पूर्व में जारी आदेशों का जिक्र किया है । जिसमें हाईकोर्ट ने शिक्षकों के पक्ष में फैसला दिया है ।
हाईकोर्ट ने पूर्व में दिए गए समान न्यायिक आदेशों को देखते हुए वर्तमान याचिका का निपटारा भी उन्हीं शर्तों पर करने का निर्णय लिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता डॉ. नेगी को निर्देश दिया कि वह याचिका में उठाए गए सभी पहलुओं को शामिल करते हुए एक सप्ताह के भीतर सक्षम प्राधिकारी को एक नया अभ्यावेदन प्रस्तुत करें। इसके बाद, विश्वविद्यालय को इस अभ्यावेदन पर एक सप्ताह के भीतर विचार करके निर्णय लेना अनिवार्य होगा।

