सड़क किनारे गुब्बारे बेचने.गंदगी से कूड़ा छांट कर उसे बीनने के बाद लावारिसों की तरह जिंदगी व्यतीत कर समाज की मुख्य धारा से विमुख हो गए छोटे-छोटे बच्चों को पौड़ी पुलिस ने ऑपरेशन मुक्ति अभियान के तहत उन लावारिस बच्चों का सुनहरा भविष्य सवारने में बड़ी मदद की है आज उन्हीं बच्चों के चेहरे पर खुशी देखकर सभी खुश हैं पुलिस ने विभिन्न स्थानों से मुक्त कर 21 बच्चों को उनका भविष्य संवारते हुए उन्हें स्कूल में दाखिला दिलाया। गरीबी, अज्ञानता या अच्छा संरक्षक ना होने के कारण स्कूल के दरवाजे से अपना मुख मोड़ चुके 21 बच्चों का ऑपरेशन मुक्ति टीम ने विभिन्न स्कूलों में दाखिला कराकर नई राह दी है अब अच्छी शिक्षा के साथ-साथ वह बच्चे अपना भविष्य खुद तय करेंगे ।
प्रदेश भर में चलाये जा रहे “ऑपरेशन मुक्ति” भिक्षा नहीं शिक्षा दे अभियान के तहत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी गढ़वाल लोकेश्वर सिंह द्वारा शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा की ओर अग्रसर करने, भिक्षावृत्ति, कूड़ा बीनने, गुब्बारा बेचने आदि कार्यो में लिप्त बच्चों को चिन्हित कर उनका स्कूलों में दाखिला करवाने हेतु निर्देशित किया था।
जिसके बाद जनपद की ऑपरेशन मुक्ति टीम द्वारा जनपद में कूड़ा बीनने, गुब्बारा बेचने आदि कार्यो में लिप्त बच्चे जो या तो गरीबी, अज्ञानता या अच्छा संरक्षक ना होने के कारण स्कूल नहीं जा पा रहे थे उन्हें ऑपरेशन मुक्ति टीम द्वारा पूर्व में चिन्हित किया गया था अब इन चिन्हित बच्चों में से 21 बच्चों का ऑपरेशन मुक्ति टीम द्वारा कोटद्वार क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न स्कूलों में दाखिला कराया गया। बच्चों का स्कूल में दाखिला करवाने पर परिजनों एवं अध्यापकों द्वारा उत्तराखण्ड पुलिस की ऑपरेशन मुक्ति मुहिम का प्रशंसा करते हुए आभार प्रकट किया गया। इस दौरान महिला उपनिरीक्षक सुमनलता, महिला उपनिरीक्षक दीक्षा सैनी,उप निरीक्षक अजय कुमार कांस्टेबल सतपाल ,महिला कांस्टेबल विद्या मेहता, प्रियंका ,महिला कांस्टेबल सपना आदि लोगों ने विशेष प्रयास कर इन नोंनिहालों का भविष्य संवारने में अपना अहम योगदान दिया। पौडी़ न्यूज़