तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी की डौली रेंज में अखिल भारतीय बाघ आंकलन (AITE 2022) प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन
हल्द्वानी
वन्य जीव संस्थान (WII) देहरादून से वन्यजीव विज्ञानी ( biologist ) सुश्री आनंदिता तथा सुश्री ऋतु द्वारा “बाघ आँकलन के तकनीकी पहलुओं के बारे में वन कर्मचारियों को टिप्स दिए गए इस दौरान उन्होंने कहा कि जैव विविधता एवं जैव संरक्षण के साथ-साथ वन्य जीव जंतु संरक्षण पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है साथ ही बाघों के नैसर्गिक वास स्थलों के साथ-साथ उनके खानपान पर भी नजर रखने की आज अधिक जरूरत है उन्होंने कहा कि मानव का वन्य क्षेत्र में दखल अधिक बढ़ गया है इसलिए उनके प्राकृतिक नेचर में बदलाव आ रहा है इस को ध्यान में रखकर भी वन कर्मियों को अधिक सतर्कता बरतनी पड़ेगी जिससे बाघों के आंकलन का उद्देश्य भी पूरा हो सकेगा।
तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी संदीप कुमार तथा उपप्रभागीय वनाधिकारी गौला डी एस मार्तोलिया के दिशा निर्देशन में चल रहे अखिल भारतीय बाघ आँकलन कार्यशाला में तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी के वन्य जीव विज्ञानी जय प्रताप ने भी कार्यशाला में बाघ आंकलन में सावधानियों तथा महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में अवगत कराया। जिसके बाद वन कर्मियों को बौड़ख़त्ता अनुभाग के आरक्षित वन क्षेत्र में फ़ील्ड विज़िट कर बाघ आंकलन प्रशिक्षण का फ़ील्ड प्रशिक्षण दिया गया। उप प्रभागीय वनाधिकारी गौला , श्री ड़ीo एसo मार्तोलिया ने बताया कि वन कर्मियों के लिए अत्यधिक उपयोगी इस कार्यशाला के प्रथम चरण में गौला रेंज, किशनपुर रेंज तथा डौली रेंज के वन कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया। बाघ आँकलन प्रशिक्षण के अगले चरण का आयोजन 8- मार्च को बाराकोली रेंज तथा दिनांक 9- मार्च को ख़टीमा रेंज में किया जाएगा। इस अवसर पर उप प्रभागीय वनाधिकारी गौला , ड़ीo एसo मार्तोलिया , रेंजर रनसाली प्रदीप कुमार , रेंजर डौली अनिल जोशी , रीसोर्स पर्सन सुश्री आनंदिता , सुश्री ऋतु, श्री जय प्रताप , सोनू सहित गौला, किशनपुर तथा डौली रेंज के समस्त अनुभाग अधिकारी , बीट अधिकारी तथा प्रशिक्षु वन आरक्षी उपस्थित रहे।