उत्तराखण्ड

बड़ी खबर (देहरादून) छात्रावासों, कोचिंग सेंटरों, आवासीय विद्यालयों, को लेकर एससीपीसीआर ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र।।

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. राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एससीपीसीआर) की अध्यक्ष गीता खन्ना ने कहा कि उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव के माध्यम से राज्य भर के सभी जिलाधिकारियों को एक पत्र भेजा है। पत्र में एससीपीसीआर ने जिलों में सभी प्रकार के छात्रावासों, कोचिंग सेंटरों, आवासीय विद्यालयों, घरों और इसी तरह के प्रतिष्ठानों के बारे में जानकारी मांगी है जहां बच्चे इकट्ठा होते हैं, रहते हैं, सीखते हैं या खेलते हैं। खन्ना ने हाल ही में हुई एक घटना के जवाब में यह बात कही जिसमें एक वार्डन ने देहरादून के एक स्कूल के छात्रावास में दो विकलांग बच्चों के साथ कथित तौर पर मारपीट और यौन शोषण किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में स्कूल के निरीक्षण के दौरान पता चला कि प्री-प्रिपरेटरी स्कूल का संचालक पास के किराए के भवन की पहली मंजिल पर मानसिक रूप से विकलांग बच्चों के लिए अवैध रूप से छात्रावास चला रहा था। निरीक्षण में पता चला कि छात्रावास जीर्ण-शीर्ण अवस्था में था

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उन्होंने आगे बताया कि मामला तब और बिगड़ गया जब एक अकेली मां अपने दो मानसिक रूप से विकलांग बच्चों को छात्रावास में छोड़कर उनसे मिलने आई। वहां से निकलते समय दोनों बच्चों ने बताया कि रात्रि ड्यूटी पर तैनात एक अटेंडेंट ने उनका यौन शोषण किया। इस गंभीर आरोप के बाद संबंधित मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इस घटना के मद्देनजर उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर अपने जिलों में संचालित सभी प्रकार के छात्रावासों, कोचिंग संस्थानों और अन्य के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है। उन्होंने बताया कि इस पहल का उद्देश्य छात्रों की सुरक्षा में सुधार करना और शिक्षकों तथा कर्मचारियों की योग्यता और व्यवहार के संबंध में पारदर्शिता को बढ़ावा देना है। इसके अलावा खन्ना ने प्रत्येक स्कूल में विकलांग बच्चों के लिए विशेष शिक्षकों की नियुक्ति पर भी टिप्पणी की। उन्होंने बताया कि हाल ही में शिक्षा के अधिकार (आरटीई) कार्यशाला के दौरान उन्होंने शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्री को कई स्कूलों के बारे में संबोधित किया, जो स्थापित नियमों और मानदंडों का पालन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि नियमों का पालन न करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शिक्षा विभाग को निर्देश जारी किए गए हैं।

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