उत्तराखण्ड

(दु:खद) धीरे-धीरे कम हो रहा है हाथी का कुनवा, एक दिन डायनासोर की तरह खत्म हो जाएंगे हाथी, आखिर हाथी की मौतों का जिम्मेदार कौन।।

हल्द्वानी-: लालकुआं बरेली रेल खंड के मुक्तिधाम के समीप तराई केंद्रीय वन प्रभाग के हाथी कॉरिडोर से निकलकर तराई पूर्वी वन प्रभाग के जंगल को जा रहे नर हाथी के रामनगर आगरा फोर्ट एक्सप्रेस ट्रेन से टकरा जाने से नर हाथी की दर्दनाक मौत हो गई. घटना के बाद ट्रेन के चालक द्वारा नगला रेलवे स्टेशन पर इस घटना की मेमो देकर जानकारी दी गई. सोमवार देर रात्रि हुई इस घटना से वन महकेमें हड़कंप मच गया। घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे वन क्षेत्राधिकारी गौला चंदन सिंह अधिकारी ने इस घटना की सूचना अधिकारियों को दी, जहां मंगलवार को दोपहर बाद मृत हाथी के शव का पोस्टमार्टम कर हाथी को वन्य जीव गाइडलाइंस के आधार पर दफना दिया गया।
बताया जाता है कि सोमवार को ट्रेन संख्या 15056 रामनगर आगरा फोर्ट एक्सप्रेस ट्रेन रात्रि 10 :21 मिनट पर लालकुआं स्टेशन से छूट कर जैसे ही यह ट्रेन कुछ समय बाद खंभा नंबर 62/3/2 पर पहुंची तभी अचानक तराई केंद्रीय वन प्रभाग के हाथी कॉरिडोर से निकलकर नर हाथी रेलवे पटरी को पार कर तराई पूर्वी वन प्रभाग के गौला रेंज को जा रहा था तभी हाथी तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आकर टकरा गया जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई ।
घटना के बाद लोको पायलट ने इसकी सूचना नगला रेलवे स्टेशन पर मेमो के आधार पर दी इसके बाद यह घटना का पता चला। उधर सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे तराई पूर्वी वन प्रभाग के उप प्रभागीय वनाधिकारी अनिल कुमार जोशी, तथा वन क्षेत्राधिकारी गौला चंदन सिंह अधिकारी ने जांच पड़ताल कर मंगलवार को पशु चिकित्सा अधिकारी राहुल सती तथा हिमांशु की देखरेख में पोस्टमार्टम कराया गया इसके बाद इस नर हाथी को दफना दिया गया। गौरतलब है कि इससे पूर्व भी इसी क्षेत्र में कई बार हाथी दुर्घटना का शिकार हुए हैं लगातार वन्य जीव प्रेमी हाथी को बचाने की कोशिश करते हैं लेकिन अभी भी रेलवे द्वारा हाथी कॉरिडोर को लेकर कोई भी अंडरपास नहीं बनाया गया जिससे हर साल हाथी दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं।
हादसा हाथी कॉरिडोर क्षेत्र में हुआ, जहां पूर्व में भी कई बार इस प्रकार की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। हादसे के बाद वन विभाग और रेलवे प्रशासन की भूमिका पर एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे हैं।
वन क्षेत्र अधिकारी चंदन सिंह अधिकारी ने बताया कि यह नर हाथी करीब 20 से 22 साल का रहा है प्रथम चरण में वन विभाग इस ट्रेन के लोको पायलट के खिलाफ वन अधिनियम तथा वन्य जीव जंतु संरक्षण की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर रहा है।।

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