अल्मोड़ा

दु:खद-: मासूम फिर बन गया गुलदार का निवाला. गांव में मातम तो परिवार में कोहराम.नहीं थम रहा है वन्यजीवों के साथ संघर्ष।।

उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष हमने का नाम नहीं ले रहा है अक्सर हो रही इन घटनाओं से जहां ग्रामीणों में रोष है वही कोरोना काल के बाद अचानक इस तरह की घटनाएं घटने से वन विभाग भी परेशान है ताजा मामला टिहरी गढ़वाल के बालगंगा रेंज कहां है जहां एक मासूम अरनव चंद उम्र 12 वर्ष पुत्र रणवीर चंद रमोला वन्य जीव का शिकार हो गया गुलदार ने उस पर तब हमला किया जब वह अपने घर अल्दी से 500 मीटर की दूरी पर अपने गांव मयकोट में खेलने अपने दोस्तों के साथ गया था।
साय 5:00 बजे के करीब मयकोट से अलदी अपने घर आते समय रास्ते में दिन में ही आदमखोर गुलदार ने हमला कर अपना निवाला बना दिया। साय होते ही घर में जब अरनव चंद की ढूंढ हुई तो पता चला अरनव चंद कहीं लापता हो गया है। इसकी सूचना गांव में आग की तरह फैल गई तुरंत इसकी सूचना थाने घनसाली को दी गई।
वही बालगंगा रेंजर प्रदीप चौहान ने बताया है कि थाने घनसाली से सूचना मिली है कि ग्राम सभा मयकोट से 5:00 बजे से अरनवचंद लापता है। जिस पर वन विभाग बालगंगा रेंज, राजस्व विभाग, थाना घनसाली एवं ग्रामीणों के सहयोग से संयुक्त अभियान चलाकर रात्रि 2:30 रात्रि करीब अरनव चंद को गांव से 500 मीटर की दूरी पर झाड़ियों में आदमखोर गुलदार से हमले का शिकार हुए मृत पाया गया। जिसमें की अर्णव के शव को पोस्टमार्टम के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिलखी ले जाया गया है।
अर्णव चंद 2 भाई एवं एक बहन के साथ सबसे छोटा भाई था। जबकि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय केमरिया सौड में कक्षा 6 का छात्र था। वही बालगंगा रेंजर प्रदीप चौहान ने बताया है कि क्यूआर टी की टीम पिंजरे सहित मौके पर बुला ली गई है ,साथ ही शूटर गंभीर सिंह भंडारी से बातचीत हो गई है। आदेश मिलते ही आदमखोर गुलदार को मारने की तैयारी लगभग तय हो चुकी है। टिहरी गढ़वाल न्यूज़

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