हल्द्वानी-: बड़ी रेल लाइन बनने के बाद सबसे बड़ी जरूरत विद्युत से चलने वाली ट्रेनों के इंजन को लेकर थी लेकिन लगातार पूर्वोत्तर रेलवे मंडल में शत प्रतिशत विद्युतीकरण के अन्तर्गत सम्पूर्ण इज़्ज़तनगर मण्डल पूर्ण रूप से विद्युतीकृत हो गया है, इसके साथ ही उत्तराखण्ड में पूर्वाेत्तर रेलवे के बड़ी लाइन के सभी रेल खण्ड शत प्रतिशत विद्युतीकृत हो गये हैं। पूर्वाेत्तर रेलवे ऊर्जा बचत, पर्यावरण संरक्षण एवं रेल खण्डों के विद्युतीकरण में निरन्तर उपलब्धियाँ अर्जित कर रहा है। पूर्वाेत्तर रेलवे के इज़्ज़तनगर मण्डल पर 950.30 रूट किमी. रेल खण्ड विद्युतीकृत हो गया है।
पूर्वाेत्तर रेलवे पर उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न स्टेशनों से 14119/14120 काठगोदाम-देहरादून-काठगोदाम एक्सप्रेस, 12039/12040 काठगोदाम-नई दिल्ली-काठगोदाम एक्सप्रेस, 13019/13020 हावड़ा-काठगोदाम-हावड़ा एक्सप्रेस, 12207/12208 काठगोदाम-जम्मूतवी-काठगोदाम एक्सप्रेस, 15043/15044 लखनऊ जं.-काठगोदाम-लखनऊ जं. एक्सप्रेस, 12209/12210 कानुपर सेंट्रल-काठगोदाम-कानपुर सेंट्रल एक्सप्रेस, 12354/12353 हावड़ा-लालकुआं-हावड़ा एक्सप्रेस 15075 शक्तिनगर-टनकपुर त्रिवेणी एक्सप्रेस, 15073 सिंगरौली-टनकपुर त्रिवेणी एक्सप्रेस एवं 12035/12036 टनकपुर-दिल्ली-टनकपुर पूर्णागिरी एक्सप्रेस आदि ट्रेनें विद्युत कर्षण से चलाई जा रही हैं।
पूर्वोत्तर रेलवे के इज़्ज़तनगर मण्डल के सभी रेल खण्डों के विद्युतीकरण से 2750 किलोलीटर डीजल की प्रति वर्ष बचत होगी जिसके फलस्वरूप प्रति वर्ष ₹ 28 करोड़ के रेल राजस्व की भी बचत होगी।
रेल खण्डों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण होने से कार्बन उत्सर्जन में काफी कमी आई है और यह रेलवे हरित रेलवे बनने की ओर अग्रसर है।