Uttarakhand city news Dehradun चील (बाज) के हमले में राष्ट्रीय पक्षी मोर की दुखद मौत हो गई इस घटना से पूरे ग्रामीण क्षेत्र में शोक की लहर है घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने मोर के शव को कब्जे में लेकर उसे शव विच्छेदन गृह भेज दिया इसके बाद मृत मोर का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार आज शुक्रवार को किया जाएगा ।
उत्तरकाशी जनपद में गत वर्ष अक्तूबर माह में टकनौर क्षेत्र में पहुंचे मोर की चील के हमले में मौत हो गई। जानकारी मिलने पर ग्रामीणों ने मोर के शव को सुरक्षित रखकर उसके बाद वन विभाग को सूचना दी। इस बीच मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम को ग्रामीणों ने तिरंगे के साथ शव वन विभाग को
सौंपा दिया । वन दरोगा नरेंद्र सिंह ने बताया कि बृहस्पतिवार को नटीण गांव के निर्वतमान प्रधान महेंद्र पोखरियाल ने सूचना दी कि उनके गांव के खेतों में एक मोर मृत मिला है। उस पर एक चील ने हमला किया था। इस कारण उसकी मौत हो गई। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मोर के शव को कब्जे में लेकर उसको तिरंगे में लपेटकर मुख्यालय ले आई है। इसका शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद राजकीय सम्मान के साथ दाह संस्कार किया जाएगा।
मोर को दुनिया के सुंदर पक्षियों में से एक माना जाता है। इसके सिर पर मुकुट होने के कारण इसे पक्षी राज भी कहा जाता है। मुकुट के समान कलगी और रंगबिरंगी इंद्रधुनषी रंग होने से यह अति सुंदर दिखाई पड़ता है। भारत सरकार ने 26 जनवरी 1963 से इसे राष्ट्रीय पक्षी घोषित कर रखा है। मोर को संसदीय कानून भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत प्रोटेक्शन प्रदान की गई है।
