उत्तराखण्ड

(पहाड़ का टमाटर)पहाड़ों में इस तरह से हो रही है टमाटर की खेती. दूसरे के सहारे बढ़कर किसानों को दे रहे हैं सहारा ।।

एक जमाना ऐसा था कि जब मौसम में ही उन सब्जियों का उत्पादन हो कर के हम स्वाद ले सकते थे लेकिन अब उच्च तकनीक का सहारा किसान लेकर जहां अपनी आय को भी बढ़ा रहा है वहीं सरकार भी किसानों की आय को लेकर के चिंतित है तथा बागेश्वर के जिला अधिकारी विनीत कुमार किसानों की आय दोगुना करने की सरकार की मंशा को अमली जामा पहनाकर धरातल पर उतारने लगे हुए है। उन्होंने गत वर्ष जिला योजना,खनिज न्यास निधि एवं पलायन आयोग से जहा 586 काश्तकारों को पॉलिहाउस दियें वहीं जनपद में कीवी, ट्राउट मछली पालन, सब्जी, फलोत्पादन, स्वंय सहायता समूहों को भी लगातार बढावा दे रहें है, ताकि काश्तकार कृषि के साथ ही एलाईड़ सैक्टर से अपनी आय में वृद्धि कर सकें।

यह भी पढ़ें 👉  बड़ी खबर(देहरादून) राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल खुला, छात्रवृत्ति पाने वाले तुरंत करें ऑनलाइन आवेदन, इस तारीख तक खुलेगा पोर्टल, इन बच्चों को मिल सकती है छात्रवृत्ति ।।

जिलाधिकारी विनीत कुमार ने अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव उड़ेरखानी में विवेकानंद कृषि विज्ञान केंद्र काफलीगैर के माध्यम से 2020-21 में अनुसूचित जाति उप-योजना (एससीएसपी) में चयनित कर गांव में निवासरत 97 परिवारों को आजीविका वृद्धि हेतु संरक्षित सब्जी उत्पादन (पॉलीहाउस में सब्जी उत्पादन) मशरूम उत्पादन व उन्नत प्रजातियों एवं तकनीकियों द्वारा उत्पादन वृद्धि प्रोत्साहित कर ग्रामवासियों को 18 प्रशिक्षण देकर 80 लोगो को प्रशिक्षित किया व प्रशिक्षण के बाद उन्होंने गांववासियों को 28 पॉलीहाउस, 28 को मशरूम उत्पादन, 06 पॉलीटैंक, 43 कृषकों को लघु कृषि यंत्र तथा 8 काश्तकारों को उन्नत बीज दिलायें व वैज्ञानिको से तकनीकी प्रशिक्षण दिलाया। जिससे आज उरेडखानी के काश्तकार पॉलीहाउस में बेमौसमी सब्जियां, टमाटर, शिमला मिर्च, गोभी, खीरा व मशरूम उत्पादन के साथ ही उन्नत बीजों व तकनीकी का प्रयोग कर अपनी आर्थिकी मजबूत कर रहें है। परिणाम स्वरूप उडे़रखानी के काश्तकार पारम्परिक खेती की अपेक्षा पांच से 6 गुना ज्यादा उत्पादन कर रहें है, जिससे उनकी आय मे 5 से 6 गुना वृद्धि हो रही है। बागेश्वर न्यूज़

Ad
To Top