
चम्पावत-: हरित योग” कार्यक्रम के माध्यम से दिया गया पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य का संदेश ।
11वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की काउंटडाउन श्रृंखला के अन्तर्गत अद्वैत आश्रम मायावती, लोहाघाट में हुआ आयोजन
11वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की काउंटडाउन श्रृंखला के अन्तर्गत रविवार को चम्पावत जनपद स्थित ऐतिहासिक अद्वैत आश्रम, मायावती, लोहाघाट में “हरित योग” कार्यक्रम में सैकड़ों योग साधकों ने सहभागिता करते हुए कॉमन योगा प्रोटोकॉल का अभ्यास किया।
यह आयोजन भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा आरंभ की गई “हरित योग” पहल का भाग था, जिसका उद्देश्य योग को पर्यावरणीय चेतना और सतत जीवनशैली से जोड़ना है।
इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को संदेश दिया गया कि योग केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का माध्यम नहीं है, बल्कि यह पृथ्वी की प्रकृति और पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी का भी प्रतीक है।
“हरित योग” का उद्देश्य प्रकृति के साथ समरसता में जीने की भावना को विकसित करना है, जहाँ व्यक्ति अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ पृथ्वी के स्वास्थ्य के लिए भी चिंतनशील हो। यह पहल वृक्षारोपण, जैव विविधता संरक्षण, और पर्यावरण मित्र गतिविधियों के माध्यम से सतत विकास के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य करती है।
इस अवसर पर जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ० आनन्द सिंह गुसाईं ने योग साधकों को “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” की थीम को अपनाते हुए पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित रखने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि “पर्यावरण यदि स्वस्थ रहेगा, तभी हम भी स्वस्थ रह सकेंगे। योग हमें स्वयं के साथ-साथ प्रकृति से भी जोड़ता है।”
कार्यक्रम में डॉ० सुधाकर गंगवार द्वारा उपस्थित सभी प्रतिभागियों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई गई। मुख्य कार्यक्रम का संचालन डॉ० प्रकाश सिंह, जिला नोडल अधिकारी (11वां अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस) तथा डॉ० धीरज रावत के मार्गदर्शन में किया गया। योग अभ्यास का नेतृत्व योग प्रशिक्षिकाओं श्रीमती सोनिया आर्या, श्रीमती लीला जोशी एवं योग प्रशिक्षक श्री विजय देउपा ने किया।
इस कार्यक्रम में लोहाघाट की महिलाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों से आए योग प्रेमियों, अद्वैत आश्रम के साधकों, आयुर्वेदिक विभाग के चिकित्साधिकारी, फार्मेसी अधिकारी, योग प्रशिक्षकों एवं आश्रम प्रबन्धक श्री सुहृदयानन्द सहित अनेक गणमान्यजनों की सहभागिता रही।
कार्यक्रम द्वारा यह संदेश दिया गया कि हरित योग एक आंदोलन है—स्वास्थ्य और प्रकृति की रक्षा के लिए। जनपद में इस प्रकार के चार और कार्यक्रम आगामी दिवसों में आयोजित किए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस अभियान से जोड़ा जा सके।
