सुप्रीम कोर्ट ने सोपस्टोन खनन मामले में लगाई रोक हटाने पर दी राहत, हाईकोर्ट को शीघ्र सुनवाई के निर्देश
नई दिल्ली, 16 सितम्बर।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के सोपस्टोन (स्टेटाइट) खनन मामले में एक अहम आदेश पारित करते हुए कहा है कि जिन लीज धारकों ने विधिसम्मत रूप से खनन कर सोपस्टोन का भंडारण किया है, उन्हें अपने स्टॉक की बिक्री करने की अनुमति दी जा सकती है। यह बिक्री रॉयल्टी व जुर्माना चुकाने की शर्त पर होगी।
न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति आलोक अराधे की पीठ ने सोमवार को हुई सुनवाई में कहा कि खनन पट्टाधारक बिक्री का पूरा ब्यौरा खनन विभाग को सौंपेंगे और इसके लिए उन्हें इंडेम्निटी बॉन्ड भी भरना होगा।
राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अत्माराम नदकर्णी ने कोर्ट को बताया कि 27 खदानें अवैध पाई गई हैं। वहीं 36 खनन लीज धारकों पर लीज की शर्तों का उल्लंघन कर मलबा बाहर डालने पर ₹5-5 लाख का जुर्माना लगाया गया है। जबकि 29 पट्टाधारकों के खिलाफ कोई अनियमितता नहीं मिली।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जारी blanket ban (पूरी तरह रोक) राज्य की अर्थव्यवस्था और लोगों की आजीविका पर प्रतिकूल असर डाल रही है। इसलिए हाईकोर्ट को निर्देश दिया गया है कि लंबित जनहित याचिकाओं की शीघ्र सुनवाई कर मामले का निस्तारण किया जाए।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 9 दिसम्बर 2025 को होगी।

