उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आरामशीनों के मामले में सुनवाई करते हुए सोमवार को प्रदेश सरकार से ऐसे सभी आरामशीनों की सूची पेश करने को कहा है जो प्रतिबंधित वन क्षेत्र से दस किमी की दूरी के अंदर मौजूद हैं।
मुख्य न्यायाधीश जी नरेंदर और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने आरामशीनों के स्थानांतरण को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश जारी किये।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि हरिद्वार के सुल्तानपुर आलमपुर में स्थापित आरामशीनों के स्थानांतरण के संबंध में वन विभाग से कई बार अनुमति मांगी गयी थी लेकिन वन विभाग ने मौजूद प्रावधानों का हवाला देते हुए इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया। वन विभाग की ओर से इसके पीछे प्रतिबंधित वन क्षेत्र का हवाला दिया गया है। राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि इस सम्बंध में सर्वोच्च न्यायलय ने भी कई दिशा निर्देश राज्य सरकार को दिये है। जिसका अनुपालन करते हुए ये निर्देश इनको दिये गए।
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि ये आरामशीन प्रावधानों के विपरीत स्थापित हैं। अंत में अदालत ने सरकार को निर्देश दिये कि वह ऐसे आरामशीनों की सूची 22 सितम्बर तक अदालत मेें पेश करें जो प्रतिबंधित वन क्षेत्र से दस किलोमीटर के अंदर मौजूद हैं। आज इस मामले में पीड़ित कमरुद्दीन व जनहित याचिका कर्ता रजनी शर्मा की याचिकाओं पर सुनवाई हुई।

