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पूर्वानुमान के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून ने दक्षिण अंडमान सागर और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी (BoB) में प्रवेश कर लिया है। यह मानसूनी धारा इस क्षेत्र में लगभग एक सप्ताह पहले ही पहुंच गई है। इससे पहले निकोबार द्वीप समूह और थाईलैंड के दक्षिणी तटीय हिस्सों में भारी बारिश दर्ज की गई थी। फिलहाल, मानसून की उत्तरी सीमा श्रीलंका के दक्षिणी सिरे से ठीक पहले, दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी, दक्षिण अंडमान सागर, अंडमान-निकोबार द्वीपों के मध्य, हट बे और मार्तबन की खाड़ी से होकर गुजर रही है।
अगले 3-4 दिन में और आगे बढ़ेगा मानसून
मौसमीय परिस्थितियाँ अनुकूल बनी हुई हैं, जिससे अगले 3-4 दिनों में मानसून के मालदीव-कोमोरिन क्षेत्र, अरब सागर के निकटवर्ती हिस्सों और दक्षिण व मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ने की संभावना है। यह मानसून की गति को सामान्य से तेज़ बना सकता है।
बंगाल की खाड़ी में बन रहा है नया सिस्टम
बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में भूमध्यरेखीय हवाएं (Cross Equatorial Flow) तेज़ होने की संभावना है। 16 मई के आसपास बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-मध्य भागों में एक चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) बनने के संकेत हैं। इससे मानसून की ताकत और गति दोनों बढ़ सकती हैं।
इसके प्रभाव से श्रीलंका और मध्य बंगाल की खाड़ी में मानसून की आमद 26 मई की सामान्य तिथि से पहले हो सकती है। इसके साथ ही, संकेत मिल रहे हैं कि केरल में मानसून की शुरुआत भी 1 जून से पहले हो सकती है और यह 2009 के बाद अब तक की सबसे जल्दी शुरुआत हो सकती है।
अंडमान-निकोबार में भारी बारिश के आसार
अगले 3-4 दिनों तक दक्षिण और उत्तर अंडमान सागर में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, जिसमें पोर्ट ब्लेयर भी शामिल है, में भी लगातार भारी बारिश हो सकती है। इस दौरान भारी वर्षा की पट्टी श्रीलंका और तमिलनाडु के तटीय इलाकों के करीब दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी की ओर खिसकती जाएगी।
