उत्तर प्रदेश

(ये तो होना ही था)खो-खो और कबड्डी जैसी प्रतिस्पर्धा के बीच कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता ने पार्टी से कहा अलविदा ।।

उत्तराखंड में कांग्रेस के अंदर कबड्डी और खो खो जैसी चल रही प्रतिस्पर्धा आज बुरे दिन की ओर ले जाती हुई दिख रही है सकारात्मक प्रतिस्पर्धा हो तो संगठन को मजबूती मिलती है लेकिन जब नकारात्मक ऊर्जा का प्रयोग हो तो संगठन से भी लोग मुंह मोड़ने लगते हैं ऐसे हालात कांग्रेस के अंदर होते दिख रहे हैं सोमवार सुबह कांग्रेस को दो बड़े झटके तब लगे जब दो चर्चित चेहरों, महिला कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष कमलेश रमन के साथ ही पार्टी के प्रवक्ता और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राजेंद्र प्रसाद रतूड़ी ने भी कांग्रेस को अलविदा कह दिया भाजपा जहां संगठन को जोड़ने में जुटी हुई है वही कांग्रेस के धीरे धीरे वरिष्ठ नेता पार्टी से किनारा करते जा रहे हैं जो 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए खतरे की घंटी है।
डॉ. आरपी रतूड़ी ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा की। कहा जा रहा है कि दोनों आज दिल्ली में आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं।
डॉ. रतूड़ी ने लिखा, ‘ आज मन अत्यंत आहत है। मैंने अपने जीवन के 45 साल कांग्रेस पार्टी को दिए और अब कांग्रेस के जो हालात हैं वह भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है। कांग्रेस पार्टी का उत्तराखंड का नेतृत्व नहीं चाहता कि 2027 में पार्टी चुनाव जीते। चंपावत चुनाव में पार्टी की जो दुर्गति हुई उसके बाद भी बड़े नेता लगातार सोशल मीडिया पर रोज झगड़ते दिख रहे हैं। उससे कार्यकर्ता अत्यंत हतोत्साहित हैं। इसलिए मैं आज आहत होकर कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से अपने को मुक्त करते हुए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं।’
वहीं, कमलेश रमन ने प्रदेश अध्यक्ष महिला कांग्रेस की लिखे एक पत्र में कहा कि वह विगत तीन दशक से कांग्रेस से जुड़ी रही और समर्पित भाव से अपना जितना भी सहयोग हो सकता था कांग्रेस पार्टी को दिया। लेकिन विगत कुछ समय से अपने को उपेक्षित एवं ठगा सा महसूस कर रही हूं। जो भी हो इस तरह से कांग्रेस से मुंह मोड़ने से संगठन कमजोर होता हुआ दिख रहा है लेकिन इससे कोई सबक लेने को तैयार नहीं है।

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