देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज के प्रतिकुलपति डॉ पंड्या का हल्दूचौड़ पहुंचने पर जोरदार स्वागत
डॉ चिन्मय ने गायत्री कुंज परिसर में श्रीराम स्मृति उपवन, गौशाला, ग्राम स्वावलंबन केंद्र और शिव मंदिर का दर्शन करने के बाद गायत्री शक्तिपीठ हल्दूचौड़ में प्रस्तावित दो हॉलों का भूमि पूजन कर शिलान्यास किया इस दौरान उन्होंने आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि व्यक्ति के जीवन में उत्थान और पतन दोनों की संभावनाएं होती हैं यदि व्यक्ति के जीवन में अच्छे संस्कारों का वातावरण हो तो व्यक्ति श्रेष्ठ मार्ग को प्राप्त करता है और उसके जीवन में कुसंस्कार नफरत अशांति का माहौल हो तो फिर व्यक्ति मानव जीवन की बजाए पशु जीवन की ओर अग्रसर होता है उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ संस्कार प्राप्त होकर अंगुलिमाल जैसा दुष्ट प्रवृत्ति का राक्षस भी धर्म का महान प्रचारक बना उन्होंने कहा कि सत्संग का व्यक्ति के जीवन में बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है उन्होंने रत्नाकर डाकू से बाल्मीकि होने की घटना का भी जिक्र किया उन्होंने महाभारत कालीन कई ऐतिहासिक प्रसंग के माध्यम से मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की सलाह दी उन्होंने कहा कि युग ऋषि वेद मूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा युग निर्माण योजना का लक्ष्य रखा गया है उस उद्देश्य की पूर्ति होने का यह समय है क्योंकि कलिकाल अपने चरम की ओर अग्रसर है ऐसे में धर्म एवं अध्यात्म के द्वारा कलिकाल की विनाशलीला को रोका जा सकता है उन्होंने कहा कि गायत्री महामंत्र का जाप करने से हम अपने श्रेष्ठ कर्म को श्रेष्ठ प्रतिफल में परिवर्तित कर सकते हैं इस दौरान गायत्री परिवार द्वारा मिशन 2026 के तहत घर-घर यज्ञ यज्ञ के संदर्भ में भी प्रकाश डाला गया इससे पूर्व डॉ चिन्मय पंड्या का यहां पहुंचने पर नैनीताल उधम सिंह नगर एवं चंपावत जिलों से आए लगभग 300 गायत्री परिजनों द्वारा कतारबद्ध होकर पुष्प वर्षा के साथ उनका स्वागत किया ।