उपनल व संविदा कार्मिकों के भविष्य पर शासन का बड़ा कदम – विभागों से मांगी गई विस्तृत जानकारी, हाईकोर्ट में मामला लंबित
देहरादून,
मा० मुख्यमंत्री की घोषणा संख्या 123/2025 के क्रम में आउटसोर्स एजेंसी उपनल एवं संविदा पर कार्यरत कार्मिकों की मांगों को लेकर सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती हेतु नीति/नियमावली तैयार की जा रही है। इसके लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने विभागों से एक सप्ताह के भीतर विस्तृत सूचनाएं मांगी हैं।
समिति, जिसकी अध्यक्षता प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु कर रहे हैं, ने 25 अगस्त को सम्पन्न बैठक में निर्णय लिया कि सभी विभाग स्वीकृत रिक्त पदों, आउटसोर्स हेतु चिन्हित पदों तथा अन्य श्रेणियों में कार्यरत उपनल कार्मिकों का विवरण श्रेणीवार प्रस्तुत करें।
सेवावधि के आधार पर भी मांगी जानकारी
विभागों को निर्देश दिया गया है कि कार्मिकों की जानकारी अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल, उच्च कुशल एवं अधिकारी श्रेणियों में वर्गीकृत करते हुए उनकी सेवावधि का ब्योरा प्रस्तुत करें। इसमें 10 वर्ष से लेकर 20 वर्ष तक की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले कार्मिकों की संख्या अलग-अलग दर्ज करनी होगी।
हाईकोर्ट अवमानना वाद से जुड़ा मामला
महत्वपूर्ण यह है कि यह प्रकरण मा० उच्च न्यायालय में योजित अवमानना वाद संख्या 402/2024 से भी संबंधित है। इस कारण शासन ने स्पष्ट किया है कि विभागाध्यक्षों का व्यक्तिगत ध्यान अपेक्षित है। एक सप्ताह में सूचना उपलब्ध न कराने की स्थिति में विभागाध्यक्षों को प्रमुख सचिव (अध्यक्ष, विशेषज्ञ समिति) के समक्ष व्यक्तिगत रूप से सूचनाओं सहित उपस्थित होना पड़ेगा।
उपनल को भी निर्देश
इस संबंध में उपनल के प्रबन्ध निदेशक को भी निर्देश दिए गए हैं कि विभागों से प्राप्त ई-मेल सूचनाओं के आधार पर समिति की अगली बैठक के लिए संकलित सूचना तैयार करें।
यह पहल उपनल एवं संविदा कर्मचारियों के भविष्य की दिशा में निर्णायक मानी जा रही है और जल्द ही विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर नीति/नियमावली तैयार की जाएगी।




