सीता–राम वनवास और दशरथ विलाप प्रसंग से भावविभोर हुआ कथा पंडाल
लालकुआँ।
राधे–राधे सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित श्री राम कथा महोत्सव के छठवें दिन कथा पंडाल श्रद्धा, भक्ति और भावनाओं के अद्भुत संगम का साक्षी बना। बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने कथा व्यास पंडित पंकज मिश्रा ‘मयंक’ के श्रीमुख से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की दिव्य कथा का भावपूर्वक श्रवण किया। कथा पंडाल “जय श्रीराम” के गगनभेदी जयकारों से गुंजायमान रहा।

कथा व्यास पंडित पंकज मिश्रा मयंक ने श्री राम, माता सीता एवं भ्राता लक्ष्मण के वनवास प्रसंग का अत्यंत मार्मिक, प्रेरणादायक एवं जीवनोपयोगी वर्णन किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार श्री राम ने राजसिंहासन का परित्याग कर पिता की आज्ञा को सर्वोपरि मानते हुए धर्म, सत्य और मर्यादा की रक्षा की। माता सीता द्वारा राजवैभव छोड़कर पति के साथ वनगमन करने के प्रसंग को सुनाते हुए उन्होंने नारी धर्म, पतिव्रत और त्याग की महत्ता को विस्तार से समझाया।
कथा व्यास ने कहा कि माता सीता का चरित्र आज के समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने श्रद्धालुओं से माता सीता के आदर्शों को अपनाने तथा पारिवारिक मूल्यों को सुदृढ़ करने का आह्वान किया।

वनवास प्रसंग के साथ राजा दशरथ के विलाप का करुण वर्णन सुनकर कथा पंडाल में उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर हो उठे और अनेक श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गईं। पुत्र वियोग, वचन की मर्यादा और पिता के कर्तव्य का यह प्रसंग अत्यंत मार्मिक रहा।


कथा व्यास ने भगवान श्री राम और भ्राता लक्ष्मण के आदर्श भाईचारे पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लक्ष्मण का अपने बड़े भाई के प्रति समर्पण आज के युवाओं के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने समाज में सेवा, त्याग, प्रेम और भाईचारे की भावना को आत्मसात करने का संदेश दिया।
इस अवसर पर दिल्ली से पधारे राधा–कृष्ण मंदिर समिति एवं रैपिड ग्लोबल स्कूल के अध्यक्ष स्कंद सिंह भदोरिया, उनकी धर्मपत्नी श्रीमती शशि भदोरिया, डायरेक्टर अनुपम भदोरिया तथा सुमित भदोरिया को राम पटका पहनाकर एवं राम स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। वहीं नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष पवन चौहान,वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश जोशी, अजय उप्रेती एवं विनोद श्रीवास्तव को भी व्यास पीठ से सम्मान प्रदान किया गया।

कार्यक्रम में राधे–राधे सेवा समिति के अध्यक्ष संजीव शर्मा, जीवन कावड़बाल, हरीश नैनवाल, बी.पी.एन. शर्मा, उमेश तिवारी, राजेन्द्र प्रसाद अग्निहोत्री, अरुण जोशी, पंचम लाल, शैलेन्द्र सिंह, राजेश मिश्रा, राजीव मौर्य, उमेश चंद तिवारी, शैलेन्द्र सिंह राठौर, रोहन चौधरी, रामस्वरूप, पिंकी मौर्य सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे।

वहीं समिति की महिला मंडल की सदस्याओं—अमन चंद्रा, गुड़िया शाह, किशन चंद्रा, पूजा कश्यप, पूर्णिमा कश्यप, बबली मौर्य, मनजीत कौर, राजो देवी, रुचि शाह, ऋतु छाबड़ा, वैशाली मौर्य, सोनी मौर्य, सुमन साहा सहित अनेक महिलाओं की सक्रिय सहभागिता सराहनीय रही।




