उत्तर प्रदेश

बड़ी खबर(देहरादून) एमबीबीएस अब हिंदी में मसूदा तैयार अगले सत्र से उत्तराखंड के छात्र कर सकेंगे हिंदी में एमबीबीएस

देहरादून

हिंदी माध्यम में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के पाठ्यक्रम का मसौदा तैयार करने के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट राज्य प्रशासन को सौंप दी है। समिति उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. हेम चंद्र और सरकारी दून मेडिकल कॉलेज (जीडीएमसी) के रेडियोथेरेपी विभाग के प्रमुख डॉ. दौलत सिंह से बनी है। समिति मध्य प्रदेश गई जिसने पहले ही अपने मेडिकल कॉलेजों में हिंदी माध्यम का पाठ्यक्रम लागू कर दिया है। समिति ने मप्र की तर्ज पर पाठ्यक्रम तैयार किया है। पाठ्यक्रम को उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद द्वारा अनुमोदित किया गया है और अब इसे अंतिम मंजूरी के लिए राज्य प्रशासन को भेजा गया है। पाठ्यक्रम को मंजूरी मिलने के बाद उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य बन जाएगा जहां छात्रों के पास हिंदी माध्यम में मेडिकल की पढ़ाई करने का विकल्प होगा। अभी तक राज्य में एमबीबीएस कोर्स केवल अंग्रेजी माध्यम से ही किया जा सकता है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि शैक्षणिक सत्र 2023-2024 से मेडिकल छात्रों के पास हिंदी माध्यम का विकल्प होगा। उन्होंने कहा कि यह पहल उन छात्रों के लिए एक उपहार होगी जो हिंदी माध्यम स्कूलों से आए हैं।

यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों की कमी विशेष रूप से राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में एक बड़ी चिंता का विषय है। राज्य सरकार ने चिकित्सकों को पर्वतीय क्षेत्रों में सेवा हेतु प्रोत्साहित करने हेतु अनेक कदम उठाये हैं। अपने प्रयासों को अब तक सीमित सफलता मिलने के साथ, हिंदी माध्यम में एमबीबीएस की शुरूआत से राज्य की चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
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