रामनगर-:नरभक्षी बाघ के आतंक से जनता को निजात दिलाने वाले वन आरक्षी धीरज सिंह रावत के खिलाफ कॉर्बेट टाइगर रिजर्व एवं कालागढ़ वन प्रभाग प्रशासन की ओर से उत्पीड़नात्मक कार्रवाई रोकने, हिंसक जंगली जानवरों से सुरक्षा देने की मांग पर विभिन्न संगठनों ने सोमवार को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व कार्यालय पर प्रदर्शन कर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हंसा पांगती के जरिये से निदेशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व को ज्ञापन दिया।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, समाजवादी लोक मंच, इंकलाबी मजदूर केंद्र ,किसान संघर्ष समिति, वरिष्ठ नागरिक संघर्ष समिति, इको सेंसेटिव जोन विरोधी संघर्ष समिति, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, महिला एकता मंच, वनग्राम संघर्ष समिति, परिवर्तननकामी छात्र संगठन आदि से जुड़े कार्यकर्ताओं ने सोमवार को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक कार्यालय के बाहर जंगली जानवरों से सुरक्षा दिलाने, वन आरक्षी धीरज सिंह रावत का उत्पीड़न नहीं सम्मान दो, प्रमोशन दो, फसलों मवेशियों के नुकसान का मुआवजा दो, जनविरोधी वन संरक्षण नीति मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया।
निदेशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व कार्यालय के बाहर आयोजित सभा में प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जंगली जानवरों एवं हिंसक जंगली जानवरों के द्वारा आएदिन ग्रामीणों की फसलों, मवेशियों, आम लोगों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हिंसक जंगली जानवर आबादी में आकर मवेशियों एवं आम लोगों पर हमले कर रहे हैं, उनको निवाला बना रहे है। वन विभाग, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व लोगों को सुरक्षा के नाम पर नौटंकी कर रहा है।
प्रदर्शनकारी संगठनों से जुड़े लोगों का कहना है कि नरभक्षी बाघ के आतंक से निजात दिलाने वाले वन कर्मी धीरज सिंह रावत के खिलाफ विभाग द्वारा उत्पीड़नात्मक कार्रवाई से मरचूला क्षेत्र सहित रामनगर के संगठनों में आक्रोश है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि धीरज सिंह रावत के खिलाफ उत्पीड़न की कार्रवाई को अविलंब रोका जाए तथा धीरज सहित पूरी वनकर्मियों की टीम को सम्मानित एवं प्रमोशन दिया जाए।
वक्ताओं का कहना था कि जंगली जानवरों से आम लोगों की सुरक्षा, खेती की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। फसलों, मवेशियों के नुकसान पर तीन महीने के अंदर मुआवजा राशि देनी सुनिश्चित की जाए, साथ ही हिंसक जंगली जानवरों के हमलों में घायल लोगों का अस्पताल में उपचार पर आने वाला समस्त व्यय राशि वन विभाग, कॉर्बेट टाइगर प्रशासन वहन करें। उपचार में व्यय राशि को मुआवजा राशि से ना काटा जाए। वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि धीरज सिंह रावत का उत्पीड़न किया गया तो क्षेत्र की जनता आंदोलन करने को बाध्य होगी।
प्रदर्शनकारियों में प्रभात ध्यानी, मुनीष कुमार, रोहित रूहेला, पीसी जोशी, ललित उपरेती, महेश जोशी, ललिता रावत, मनमोहन अग्रवाल, सरस्वती जोशी, तुलसी छिम्बाल, तुलसी जोशी, लालता प्रसाद श्रीवास्तव, चिंताराम, रवि, कमल वर्मा, मोहन सिंह सजवान, गीता, किशन शर्मा, गणेश शंकर, हरीश राम, अनिल कोहली, प्रमोद कुमार आदि थे।