पंतनगर-: विश्वविद्यालय में चल रहे चार-दिवसीय किसान मेले के तीसरे दिन आज पशुचिकित्सा एवं पशुपालन विज्ञान महाविद्यालय के प्रांगण में पशु-प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें पशुपालकों ने अपने पशुओं का 6 वर्गों में प्रदर्शन किया। इस पशु-प्रदर्शनी में श्री भूपेन्द्र भारती पुत्र श्री रामकरण भारती, रूद्रपुर, का स्वदेषी दुधारू गाय एवं डा. सलीम पुत्र श्री भूरे, किच्छा की संकर दुधारू गाय को सर्वोत्तम पशु घोषित किया गया, जिसे विष्वविद्यालय के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चैहान ने रिबन बांधकर सुषोभित किया। इस पशु-प्रदर्शनी में कुल 40 पशु सम्मिलित हुए।
इस प्रदर्षनी में स्वदेषी दुधारू गाय वर्ग में श्री भूपेन्द्र भारती की गाय; संकर दुधारू गाय वर्ग में डा. सलीम एवं जैनुल की गाय; संकर बछिया वर्ग में श्री कृष्णा एवं डा. सलीम की बछिया; स्वदेषी बछिया वर्ग में श्री भुपेन्द्र की बछिया प्रथम स्थान पर रहे। संकर दुधारू गाय वर्ग में श्री अजय की गाय; संकर बछिया वर्ग में श्री गोविंदा एवं श्री मनोज यादव की बछिया द्वितीय स्थान पर रहे। इस पषु-प्रदर्षनी के संयोजक, अधिष्ठाता पशुचिकित्सा, डा. एस.पी. सिंह, एवं संयोजक, डा. एस.सी. त्रिपाठी थे। निर्णायक मण्डल में डा. डी. कुमार; डा. आर.एस. बरवाल; डा. बी.एन साही एवं डा. अमित प्रसाद थे। इस कार्यक्रम के सहयोग में डा. एस.के. सिंह, डा. सुनील कुमार, डा. राजीव रंजन, डा. सतीश कुमार का सहयोग रहा।
ई.मेल. चित्र सं. 1 एवं 2 श्री भूपेन्द्र भारती की स्वदेषी दुधारू गाय (1) एवं डा. सलीम की संकर दुधारू गाय (2) को रिबन बांधकर सर्वोत्तम पषु के रूप में सुषोभित करते कुलपति, डा. मनमोहन सिंह चौहान।
पंतनगर किसान मेले में विश्वविद्यालय के बीजों की बिक्री जारी
पंतनगर विश्वविद्यालय में चल रहे किसान मेले में आज तीसरे दिन भी किसानों द्वारा विभिन्न खरीफ फसलों के बीजों की खरीद जारी रही। किसानों द्वारा मेले में विष्वविद्यालय के फसल अनुसंधान केन्द्र, प्रजनक बीज उत्पादन केन्द्र तथा एटिक स्टालों से प्रथम से तृतीय दिवस के दोपहर तक लगभग 6.50 लाख रूपये के विभिन्न खरीफ फसलों के बीजों की खरीद की गयी। इसके अतिरिक्त औषधीय एवं संगंध पौध अनुसंधान केन्द्र, आदर्ष पुष्प वाटिका, सब्जी अनुसंधान केन्द्र, उद्यान अनुसंधान केन्द्र तथा कृषि वानिकी अनुसंधान केन्द्र के स्टालों से लगभग 2.30 लाख रूपये के बीज व पौधों की बिक्री की गई। साथ ही एटिक व प्रकाषन निदेषालय के स्टालों से लगभग 13.00 हजार रूपये के प्रकाषनों की बिक्री की गई।