हेमवती नंदन दुर्गापाल मिशन 2027 पर: पिता हरीश चंद्र दुर्गापाल की राह पर चलकर लालकुआं में विकास की नई कहानी लिखने को तैयार
लालकुआं।
लालकुआं विधानसभा की राजनीति में एक बार फिर विकास प्रमुख मुद्दा बनता जा रहा है। प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल के पुत्र और युवा नेता हेमवती नंदन दुर्गापाल अपने पिता की नीतियों और कार्यशैली को आगे बढ़ाते हुए क्षेत्र की जनता के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।
हेमवती नंदन दुर्गापाल को जनता उनके मिलनसार स्वभाव, व्यवहारिक सोच और विकास के प्रति समर्पण के लिए जानती है। क्षेत्र के भ्रमण के दौरान वे आम जनता की समस्याओं को गंभीरता से सुनते हैं और उनके समाधान के लिए स्वयं मौके पर पहुंचते हैं।
पूर्व मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल के कार्यकाल को लालकुआं के लोग आज भी “स्वर्णिम दौर” के रूप में याद करते हैं। उस दौर में शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य, सिंचाई और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ था। अब उन्हीं अधूरे सपनों को पूरा करने का जिम्मा उनके पुत्र हेमवती नंदन दुर्गापाल ने उठाया है।
हेमवती नंदन का कहना है —
“लालकुआं की जनता ने हमेशा मुझे परिवार जैसा स्नेह दिया है। यदि जनता ने अवसर दिया, तो मैं लालकुआं को उत्तराखंड की सबसे विकसित विधानसभा बनाकर दिखाऊंगा।”
मिशन 2027 को ध्यान में रखते हुए हेमवती नंदन दुर्गापाल ने अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। वे कांग्रेस संगठन में लगातार सक्रिय हैं और अपने पिता के राजनीतिक अनुभव को युवाओं की ऊर्जा के साथ जोड़कर नई दिशा देने का प्रयास कर रहे हैं।
स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ बैठकों में वे लगातार विकास योजनाओं, युवाओं के रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के ढांचे को मजबूत करने पर चर्चा करते हैं। उनका मानना है कि “राजनीति का मतलब केवल चुनाव नहीं, बल्कि जनता की समस्याओं का समाधान है।”
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि हेमवती नंदन दुर्गापाल तेजी से लालकुआं में एक मजबूत युवा विकल्प के रूप में उभर रहे हैं। क्षेत्र की जनता में उनके प्रति भरोसा और युवाओं का उत्साह उन्हें आने वाले चुनाव में मुख्य दावेदारों की सूची में पहले से शामिल कर चुका है।
हेमवती नंदन दुर्गापाल का लक्ष्य: “पिता की विकास विरासत को आगे बढ़ाते हुए लालकुआं को उत्तराखंड की प्रगतिशील विधानसभा बनाना।”
पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल के पुत्र हेमवती नंदन दुर्गापाल मिशन 2027 की तैयारी में जुटे हैं। लालकुआं में विकास को मुद्दा बनाकर वे अपने पिता की राह पर आगे बढ़ रहे हैं।




