मीना अरोड़ा द्वारा रचित काव्य नाटक ‘सम्भवामि युगे-युगे’ का ‘आध्यात्मिक साहित्यिक संस्था’ काव्यधारा रामपुर उत्तरप्रदेश तथा उत्तराखण्ड प्रान्तीय शाखा रुद्रपुर के तत्वाधान में लोकार्पण किया गया।
हल्द्वानी
रविवार को सम्मान समारोह एवम् कवि सम्मेलन का आयोजन गुरुदेव जितेन्द्र कमल ‘आनन्द’ की अध्यक्षता में किया गया।
इस भव्य समारोह में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड तथा नेपाल देश के कवियों ने भाग लिया।
सम्भवामि युगे-युगे का इस भव्य समारोह में न केवल लोकार्पण हुआ अपितु मीना अरोड़ा द्वारा रचित इस काव्य नाटक पर श्रीमती बीना भट बड़सीलिया तथा राम रतन यादव द्वारा सुंदर सार्थक चर्चा भी हुई।
श्रीमती बीना भट बड़सीलिया द्वारा की गयी समीक्षा ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
समारोह में उपस्थित गुरुदेव जितेन्द्र कमल ‘आनन्द’ [संस्थापक अध्यक्ष ] श्रीमती आशा शैली [ संरक्षक उत्तराखण्ड शाखा ]
रामकिशोर वर्मा ,. डॉ० गीता मिश्रा ‘गीत’ ,श्री सत्यपाल सिंह सजग ,सुश्री पुष्पा जोशी ‘प्राकाम्य’ श्रीराम रतन यादव , रागिनी गर्ग ‘चुनमुन’ सुरेन्द्र ‘अश्क’ .. श्री सुभाष राहत बरेलवी ,.श्री विवेक बादल ‘बाजपुरी’ श्रीमती राजबाला ‘धैर्य’ जी,. श्रीमती सन्ध्या निगम, झांसी.डॉo गीता मिश्रा ‘गीत’श्रीमती बीना भट बड़सीलिया .श्रीमती विद्या महतोलिया ,. श्रीमती मंजू पाण्डे ‘उदिता’ .श्रीमती सौम्या दुआ , गौरव त्रिपाठी , श्री वेद प्रकाश ‘अंकुर’…आदि …. कविगणों ने अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराई।