नगर निकायों में मलिन बस्तियों को चिन्हित कर उनका विनियमितीकरण, पुनर्वासन, पुनर्व्यस्थापन तथा इससे सम्बंधित व्यवस्थाओं एवं अतिक्रमण निषेध नियमावली, 2016 के क्रियान्वयन को लेकर जिलाधिकारी डा.आशीष चौहान ने वृहस्पतिवार को वर्चुअल माध्यम से सभी संबधित अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने निर्देश दिए की मलिन बस्तियों के संर्दभ पिथौरागढ़ व धारचूला शहर में एक बार फिर से गहनता से सर्वेक्षण करते हुए तत्काल रिपोर्ट उपलब्ध कराएं।
जिलाधिकारी ने कहा कि पिथौरागढ में कोदके नौले के आसपास की बसाबट में अनियोजित निर्माण, अत्यधिक घनत्व व सुरक्षा की दृष्टि से अनुपयुक्त प्रतीत होती है। इन लोगों के पास भौमिक अधिकार भी नही है। इसके अलावा धारचूला में भी कुछ बसाबटें स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं अत्यधिक घनत्व के कारण मलिन बस्ती की श्रेणी में आ सकते है। इन लोगों को पुनर्वासित किया जा सकता है। उन्होंने एसडीएम व संबधित नगर पालिका को मलिन बस्तियों के मानकों के अनुसार एक बार पुनः डीप सर्वे करते हुए शीघ्र इसकी रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है। इस दौरान नगर पंचायत बेरीनाग, नगर पालिका डीडीहाट एवं गंगोलीहाट से उपलब्ध सर्वे रिपोर्ट की समीक्षा भी की गई। सर्वे के अनुसार यहां पर कोई भी मलिन बस्ती नही हैं।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी फिंचा राम चौहान, एसडीएम नंदन कुमार, एसडीएम दिवेश शाशनी सहित नगर निकायों के अधिशासी अधिकारी वर्चुअली उपस्थित थे।
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