उत्तराखण्ड

Breaking–:सेंचुरी में नया work to act के लागू होने से होगा श्रमिकों को फायदे से ज्यादा नुकसान, कोरोना काल में आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं उद्योग।

सेंचुरी में नया श्रम कानून के लागू होने से होगा श्रमिकों को फायदे से ज्यादा नुकसान

पीएफ, ओवरटाइम व बोनस समेत अन्य सुविधाओं में हो सकती है कटौती

लालकुआं। एशिया की प्रमुख पेपर मिलो में सुमार सेंचुरी पेपर मिल कोरोना काल में बुरे दौर से गुजर रही है। ऐसे में मिल प्रबंधन व मिल के कुछ श्रम संगठनों के बीच चल रही तनातनी भी श्रमिको के हित मे जाते नही दिखाई दे रही है। मिल प्रबंधन वर्तमान में कर्मचारियों से कोरोना काल में श्रम विभाग द्वारा जारी 12 घंटे की ड्यूटी के नियम का अनुशरण कर रहा है जबकि मिल के कुछ श्रम संगठन आठ घंटे की ड्यूटी करवाने की मांग पर अड़े है। जिसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन व श्रम विभाग के अधिकारियों के साथ विधायक, सांसद व मुख्यमंत्री दरबार में शिकायत कर आठ घंटे के पैटर्न को लागू करने की मांग की है। जिसके बाद गत दिवस मिल प्रबंधन ने समस्त श्रम संगठनों के पदाधिकारियों से बैठक कर श्रम कानूनों के पूर्ण पालन करने का निर्णय लेने पर विचार करने की बात कही है। यहां पर उल्लेखनीय है कि सेंचुरी अपने श्रमिको को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य के तमाम उद्योगों से ज्यादा वेतन व सुविधाएं देती है। ऐसे में मिल अगर श्रम कानूनों का पूरी तरह पालन करने पर अड़ जाती है तो श्रमिको को भारी नुकसान होने की भी संभावनाएं सामने आने लगी है। श्रम कानूनों को लागू करने से सबसे बड़ी मार ठेका श्रमिको पर पड़ेगी। नियम के तहत मिल में ठेका श्रमिको को आठ घंटे का ही काम मिलेगा जबकि वर्तमान में उन्हें 12 घंटे तक कि ड्यूटी दी जाती है जिससे उनका वेतन भी अधिक बनता है। जानकारों का कहना है कि श्रम कानूनों को लागू करने से मिल के कर्मचारियों को बोनस, ओवरटाइम, पीएफ व अन्य सुविधाओं में कटौती होना तय है क्योंकि मिल अपने कर्मचारियों को इन मदो में श्रम कानूनों से ज्यादा सुविधाएं देता आ रहा है। अगर मिल प्रबंधन श्रम कानूनों का पूरी तरह पालन करता है तो श्रमिको व कर्मचारियों के फायदे से ज्यादा नुकसान होने की संभावना दिखाई दे रही है। ऐसे में मिल प्रबंधन को इस स्थिति में लाने वाले श्रम संगठनों को श्रमिको व कर्मचारियों के आक्रोश का सामना भी करना पड़ सकता है।

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इधर मंगलवार को मिल के सभी संगठनों ने नोटिस बोर्ड में नोटिस चस्पा कर दिया है जिसमे दो संगठन 8 घंटे की ड्यूटी देने की बात पर अड़े है। जबकि बांकी अन्य छह संगठन प्रबंधन को कोरोना काल से निकलने के लिए समय देने को तैयार है। उन्होंने हालात सामान्य होने और पेपर की विक्री बढ़ने पर आठ घंटे की ड्यूटी के साथ ही अन्य बोनस, ओवर टायम व पीएफ समेत अन्य सुविधाओं को पूर्व की तरह देने की मांग की है। इधर मिल के अधिकतर श्रमिक भी छह श्रम संगठनों के साथ खड़े दिखाई दे रहे है। उनका कहना है की कुछ लोगो की राजनीति से श्रमिको व कर्मचारियों का अहित नही होना चाहिए

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