उत्तराखण्ड

Breaking–: गजराज का आतंक, खेत में खड़ी फसल रौंदी, कई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद (टस्कर) को खदेड़ा जंगल में (देखें वीडियो)

रामनगर-
समूचा उत्तराखंड आजकल जहां मानव वन्यजीव संघर्ष के चलते जूझ रहा है वही वन्यजीवों का रुख गांव की तरफ होने से इसका असर ग्रामीण क्षेत्र की दिनचर्या पर भी पड़ रहा है। बाघ ,गुलदार ,भालू के साथ जहां मानव वन्यजीव संघर्ष बढ़ा है वही ग्रामीण क्षेत्र में गजराजो ने भी फसल चौपट कर दी है इसके अलावा बंदरों की फौज भी कृषि वानिकी को नुकसान पहुंचा रही है। इससे किसानों की आजीविका पर भी फर्क पड़ रहा है।

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आज ताजा घटनाक्रम में मालधन शिवनाथपुर पुरानी बस्ती आमपोखरा रेंज में टस्कर हाथी ने 3 घंटे तक आतंक रखा जहां पर किसानों की धान की फसल को टस्कर ने अपने पैरों तले से रौंद दिया।
आज दिन दोपहरी में ही एक जंगली हाथी शिवनाथपुर पुरानी बस्ती में किसानों के खेतों में घुस गयाा। हाथी ने किसानों की धान की खड़ी एवं काटी गई फसल में जमकर उत्पात मचाया। हाथी फसलो का तो नुकसान कर ही रहे हैं साथ कि वहां पर खड़े खंभों और वृक्षों को भी रौंद रहा। जिससे किसान को फसल का काफी नुकशान हुआ हैं। दिन के उजाले में ही गांव में हाथियों की दस्तक से क्षेत्रवासी भयभीत हैं खड़ी व कटी फसल को बर्वाद कर रहे हाथी को किसानों द्वारा लगातार खेतो से निकालने का प्रयास किया गया लेकिन हाथी नही निकला। इस मामले की जानकारी किसानों द्वारा वन विभाग को दी गई सूचना मिलने पर तुरंत वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुँचे। किसानों व वन विभाग की कड़ी मस्कत के बाद लगभग तीन घण्टे बाद गजराज ने जंगल का रुख किया। तब जाकर किसानों व वन विभाग ने चेन की सांंस ली। तराई पश्चिमी वन प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी हिमांशु बागड़ी कहते हैं कि गजराज के आने की सूचना के बाद प्रभावित क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी गई है, जिससे कोई अप्रिय घटना ना हो। साथ ही टस्कर हाथी को जंगल में हांका लगाने के लिए भी कहा गया है।

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