उत्तराखंड हाई कोर्ट ने प्रदेश मे चल रही प्रारम्भिक शिक्षक की भर्ती के लिए राज्य सरकार के द्वारा लगाए गए शर्तों को चुनोती देती याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ती मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने राज्य सरकार से इस पर तीन सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिये हैं। मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद की तिथि नियत की है। मामले के अनुसार अभ्यर्थी भूपेंद्र सिंह ने याचिका दायर कर कहा है कि राज्य में प्रारम्भिक शिक्षकों की भर्ती चल रही है। राज्य सरकार ने भर्ती में यह भी शर्त रखी है कि जिस अभ्यर्थी की हाईस्कूल व इंटर की शिक्षा प्रदेश से बाहर हुई है वह इसमे शामिल नही हो सकता है। अन्ययथा उसका आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा। इसी आधार पर उनका आवेदन निरस्त कर दिया गया । कि उनकी हाई स्कूल व इंटर की शिक्षा बाहरी राज्य से हुई है। याचिका में कहा गया कि यह संविधान के विपरीत है। इस मामले में कानून बनाने का अधिकार केंद्र सरकार को है न कि राज्य सरकार को। ऐसे ही मामले में कोर्ट ने एक अभ्यर्थी को भर्ती प्रक्रिया में प्रतिभाग करने के आदेश थे। उनको भी उसी आधार पर इसमें शामिल होने का मौका दिया जाय। जबकि वे इस भर्ती में शामिल होने की सभी योग्यता पूर्ण करते है।




