
Uttarakhand city news Almora-: साक्षर जनपद अल्मोड़ा के ताड़ीखेत ब्लॉक के नौगांव में प्योर पहाड़ी संस्था ने गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है इससे जहां जनपद में पलायन रुकने में विराम https://uttarakhandcitynews.com/big-news-government-of-gaon-was-deployed-by-sector-magistrates-here/लगेगा वही महिलाओं के लिए रोजगार के सृजन होंगे । ऐसी एक कहानी युवा महिला उद्यमी की है जो अपनी माटी से जुड़कर राज्य में स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही हैं लंबे समय तक अनेक

कॉरपोरेट समूह से जुड़े रहने के बाद अब पति के साथ पूजा पाठ के लिए गांव पहुंची नोएडा निवासी शुचि राकेश जोशी ने गांव में रहकर पहाड़ी उत्पादों को पहचान दिलाने के लिए जुट गई है। स्वजनों से साथ मिला और शुचि ने प्योर पहाड़ी संस्था का गठन कर स्थानीय उत्पादों को तैयार करना शुरु कर दिया। गांव की आधा दर्जन महिलाओं को साथ लेकर शुचि ने लहसुन, अदरक, पुदीना, लाल मिर्च, भांग आदि का नमक तैयार कर बेहतर पेकिंग के साथ नोयडा के बाजार में उतार दिया है वहीं शहद तथा विभिन्न प्रकार के मसाले भी तैयार कर बाजार में उतारने की तैयारी की जा रही है।

यह कहानी एक ऐसी महिला के संघर्ष की है जिसने पहाड़ की मिट्टी से जुड़े रहने के लिए अपने कॅरियर को विराम दिया। यह कहानी सिर्फ एक ब्रांड की नहीं, बल्कि पहाड़ों से उपजे एक संकल्प, संवेदना और सशक्तिकरण की है जो सादगी से शुरू होकर आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर गढ़ रही है। रिवर्स पलायन की मिसाल इस महिला ने न केवल स्वयं को आर्थिक रूप से मजबूत किया बल्कि दूसरों को भी रोजगार देने का माध्यम बन गई। पहाड़ के मसालों की सौंधी महक आज देवभूमि के कुमाऊं से उत्तर प्रदेश तक फैली है।
द्वाराहाट (अल्मोड़ा) निवासी शुची जोशी का विवाह तल्ली मिरई निवासी राकेश जोशी के साथ हुआ था। शादी के बाद दंपती लखनऊ शिफ्ट हो गया। वे बताती हैं एक दशक से भी अधिक समय के बाद प्राइवेट नौकरी छोड़ने के बाद भी मन में कुछ अच्छा और सार्थक करने की चाह बढ़ती गई। नौगांव से प्योर पहाड़ी का बीज अंकुरित हुआ। मैंने स्थानीय उत्पादों पर गहराई से शोध किया और जाना कि पहाड़ों में मिलने वाला नमक (पौरयू लूण), दाले, शहद और मसाले न केवल शुद्ध है बल्कि बेहद पौष्टिक और स्वादिष्ट भी है। इन उत्पादों को अगर शहरी बाजार में पहुंचाया जाए तो इससे ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मिल सकता है और उनके घर का खर्च भी चल सकेगा। इस सोच को साकार रूप देते हुए, वर्ष 2024 में मैंने गाव की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए मसालेदार नमक को नई पैकिंग में नोएडा ले जाकर बेचना शुरू किया। लोगों को इसका स्वाद बहुत पसंद आया और यहीं से मेरी ऊर्जा और उत्साह को नई दिशा मिली।
तथा बड़े मार्केटिंग के बाजार में पहाड़ी नून को काफी ख्याति प्राप्त हुई और आज हर किसी के मन में पहाड़ी नून को चखने की इच्छा जागृत होती है।।
