uttarakhand city news जिला अधिकारी ने एक बड़ा आदेश जारी करते हुए जनपद के समस्त अधिकारियों को सख्त चेतावनी जारी की है जारी आदेश के तहत डीएम ने कहा है कि जो अधिकारी आदेश की अवहेलना करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

फोन नहीं उठाने वाले अधिकारियों पर होगी कड़ी कार्रवाई, DM ने जारी किए सख्त निर्देश
संवाददाता ठाकुर सुरेंद्र पाल सिंह
उत्तरकाशी।
जिले में आमजन की शिकायतों के समाधान में हो रही देरी और संवेदनशीलता की लगातार उपेक्षा पर जिलाधिकारी प्रशान्त आर्य ने सख्त रुख अपनाया है। जिलाधिकारी कार्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि कई जिला एवं खण्ड स्तरीय अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों और आम नागरिकों के फोन रिसीव नहीं किए जा रहे, जिससे शिकायतकर्ताओं को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने इसे बेहद खेदजनक और लापरवाहीपूर्ण करार दिया है।
कार्यालय आदेश में जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि फोन न उठाने के कारण लोगों को छोटी-छोटी शिकायतों एवं समस्याओं के निस्तारण हेतु अनावश्यक रूप से जिला व खण्ड मुख्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इससे न केवल सार्वजनिक समय की बर्बादी होती है, बल्कि प्रशासन की छवि और भरोसे पर भी आंच आती है। आदेश में उल्लेख है कि यह रवैया अधिकारियों की आमजन की समस्याओं के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है, जिसे किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।
जिलाधिकारी ने सभी कार्यालयाध्यक्षों को निर्देशित किया है कि वे सामान्य नागरिकों और जनप्रतिनिधियों के फोन अवश्य रिसीव करें तथा शिकायतों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी जनता से संवाद बढ़ाएँ और समस्या समाधान में देरी हरगिज़ न होने दें।
साथ ही, आदेश में चेतावनी दी गई है कि यदि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति पाई जाती है, या फिर फोन न उठाने की शिकायतें प्राप्त होती हैं, तो संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध उनके विभागाध्यक्ष अथवा शासन को कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए संस्तुति भेजी जाएगी।
जिलाधिकारी का यह कदम प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक जवाबदेह और जनसरोकारों के प्रति संवेदनशील बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
जनपद के नागरिक लंबे समय से अधिकारियों द्वारा फोन न उठाने और समस्याओं के समाधान में लापरवाही को लेकर आवाज उठाते रहे हैं। ऐसे में इस सख्त निर्देश से लोगों में उम्मीद जगी है कि अब उनकी शिकायतें समय पर सुनी जाएँगी और अनावश्यक दौड़भाग से उन्हें राहत मिलेगी।
साथ ही प्रशासनिक हलकों में भी इस आदेश के बाद हलचल देखी जा रही है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अधिकारी इस निर्देश को कितनी गंभीरता से लेते हैं और आमजन की समस्याओं के समाधान में कितनी संवेदनशीलता बरतते हैं।




