उत्तराखण्ड

बड़ी खबर (उत्तराखंड) छोटे गांव से निकला बड़ा नाम, बधाई तो बनती है।।

Uttarakhand city news छोटे से गांव से निकला बड़ा नाम जिसकी अब हर जगह हो रही है चर्चा छोटे से गांव पुरान के ललित मोहन जोशी बने चार्टर्ड अकाउंटेंट ।।

एक ही गांव से बने तीन-तीन सीए

पिथौरागढ़

जनपद के छोटे से गांव पुरान (जाख-पुरान) के मूल निवासी ललित मोहन जोशी ने देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक चार्टर्ड एकाउंटेंसी परीक्षा उत्तीर्ण कर गांव, परिवार और जनपद का नाम रोशन कर दिया है। ललित की इस ऐतिहासिक सफलता से न सिर्फ उनके परिवार में हर्ष का माहौल है, बल्कि पूरे गांव में भी जश्न जैसा माहौल है। ललित के सबसे चचेरे बड़े भाई सीए सरोज आनंद जोशी और सगे बड़े भाई सीए हिमांशु जोशी पहले से ही चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं। सीए सरोज आनंद जोशी, हल्द्वानी में प्रैक्टिस कर रहे हैं और उनकी फर्म कुमाऊं की प्रतिष्ठित चार्टर्ड एकाउंटेंसी फर्मों में गिनी जाती है।

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वहीं, सीए हिमांशु जोशी वर्तमान में दिल्ली में कार्यरत हैं। ललित के पिता

श्री जगदीश चंद्र जोशी भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हैं। उन्होंने अपने बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए सेवानिवृत्ति के बाद भी दिल्ली में एक निजी कंपनी में कार्य किया। उनकी माता श्रीमती वीना जोशी एक ग्रहणी हैं। ललित के चाचा श्री नंद किशोर जोशी, सरस्वती शिशु मंदिर, जाख में आचार्य पद पर कार्यरत हैं। ललित मोहन जोशी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु

मंदिर, जाख से प्राप्त की। बचपन से ही मेधावी ललित ने कठिन परिश्रम और समर्पण से यह मुकाम हासिल किया है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरुजनों, अपने ईष्टदेवों और पूरे परिवार को दिया है। देश में वर्ष 1949 से अब तक लगभग चार लाख चार्टर्ड अकाउंटेंट्स पंजीकृत हुए हैं। इसमें पिथौरागढ़ जैसे सीमांत जनपद से मुश्किल से एक दर्जन भी नहीं होंगे।

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ऐसे में जब एक ही गांव पुरान से तीन-तीन चार्टर्ड अकाउंटेंट हों कृ और वो भी एक ही जोशी परिवार से। तो यह न केवल असाधारण है, बल्कि यह पूरे जनपद के लिए गर्व की बात है। इस खबर के सामने आते ही गांव के बुजुर्गों से लेकर युवा तक, हर कोई ललित की इस सफलता पर गौरवान्वित है। गांववासियों ने मिठाइयाँ बांटीं और सोशल मीडिया पर भी ललित की इस उपलब्धि की

खूब सराहना हो रही है। अभी कुछ दिन पहले ही, 1 जुलाई को भारत के सबसे प्रतिष्ठित वित्तीय संस्थान आईसीएआई (भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान) ने अपनी 77वीं वर्षगांठ मनाई थी। और महज कुछ दिन बाद ही जब सी.ए परीक्षा के परिणाम घोषित हुए, तब गांव पुरान के एक और बेटे ने सी. ए बनकर गांव को एक नई पहचान दी।

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जहाँ देश में लाखों छात्र इस परीक्षा में सम्मिलित होते हैं, वहीं सफल होने वालों की संख्या सीमित होती है। ऐसे में ललित की इस उपलब्धि ने साबित कर दिया कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी बाधा रास्ता नहीं रोक सकती कृ चाहे आप किसी भी शहर, गांव या पृष्ठभूमि से क्यों न आते हों। ललित को आईसीएआई हल्द्वानी ब्रांच के पदाधिकारियों सहित पूरे क्षेत्र से बधाइयाँ प्राप्त हो रही हैं। उनकी इस उपलब्धि से प्रेरणा लेकर निश्चय ही व अन्य युवा भी इस क्षेत्र में आगे आएंगे और पिथौरागढ़ जिले का नाम रोशन करेंगे।

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