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स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत राज्य में क्षय रोगियों की पहचान और उपचार के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। जल्द ही पांच मैदानी जिलों में मोबाइल टेस्टिंग वैन चलाई जाएगी। यह टेस्टिंग वैन घर-घर जाकर रोगियों के बलगम की जांच करेगी। टीबी पॉजिटिव पाए जाने वालों को उपचार से जोड़ा जाएगा।
चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि एनटीईपी के तहत उत्तराखंड में टीबी की जांच और उपचार का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। यही वजह है कि टीबी उन्मूलन के लिए काम करने वाले राज्यों में उत्तराखंड शीर्ष पर है। उन्होंने कहा कि जल्द ही पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड के तहत मोबाइल टीबी टेस्टिंग वैन शुरू की जाएंगी। इस योजना के तहत पांच मैदानी जिले हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, चंपावत, नैनीताल और देहरादून को शामिल किया जाएगा। मोबाइल टेस्टिंग वैन इन जिलों के विभिन्न इलाकों में जाकर स्थानीय लोगों में क्षय रोग की जांच करेगी। मंत्री ने बताया कि मोबाइल वैन में सीबीएनएएटी मशीन के साथ ही बलगम की जांच की सुविधा भी होगी। उन्होंने कहा कि इन जिलों में कवर किए जाने वाले मरीजों की संख्या को अधिकतम करने के लिए एक रूट प्लान तैयार किया जाएगा और संबंधित मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी इस योजना की निगरानी करेंगे।