मुख्यमंत्री के विज़न को साकार कर रहे हैं युवा किसान, पवन पांडेय ने कीवी मिशन से लिखी सफलता की नयी कहानी
सरकारी योजनाओं और परिश्रम का संगम, कीवी मिशन से पवन पांडेय ने दिखायी आत्मनिर्भरता की राह
भटकोट के पवन पांडेय बने कीवी मिशन की सफलता की मिसाल, मुख्यमंत्री की आत्मनिर्भरता की सोच को कर रहे साकार
पौड़ी
उत्तराखंड के पर्वतीय ग्रामीण अंचलों में अब खेती सिर्फ जीविकोपार्जन का साधन न रहकर सम्मानजनक और लाभकारी रोजगार का नया विकल्प बनती जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन में चलायी जा रही योजनाओं और युवाओं की नयी सोच ने कृषि को आत्मनिर्भरता और उद्यमिता का माध्यम बना दिया है। पौड़ी गढ़वाल के विकासखंड कोट के भटकोट गाँव के युवा पवन पांडेय की सफलता इसी परिवर्तन का जीवंत उदाहरण है, जिन्होंने कीवी मिशन योजना का लाभ उठाकर आधुनिक बागवानी से एक नयी राह बनायी है।
निष्कर्ष
कीवी फल मूल रूप से चीन का है।
इसे पहले “चीनी गूसबेरी” (Chinese Gooseberry) कहा जाता था। बाद में न्यूज़ीलैंड में इस फल की खेती बड़े पैमाने पर शुरू हुई, जहाँ इसे नया नाम “कीवी” (Kiwi) दिया गया — यह नाम न्यूज़ीलैंड के राष्ट्रीय पक्षी कीवी बर्ड से लिया गया है।
पवन पांडेय ने वर्ष 2019 में शिक्षा पूर्ण करने के बाद नौकरी के बजाय खेती को आजीविका बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने उत्तराखंड सरकार की कीवी मिशन योजना के अंतर्गत 12 लाख रुपये के निवेश से वर्ष 2020 में एक हेक्टेयर भूमि में कीवी की खेती शुरू की। इसमें उन्होंने लगभग 300 कीवी पौधों का रोपण किया। उद्यान विभाग से उन्हें ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली जैसी तकनीकी सहायता प्राप्त हुई।
लगातार मेहनत और वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने का परिणाम वर्ष 2024 में सामने आया, जब पहली बार उनकी कीवी की बागवानी से फल प्राप्त हुए। एक क्विंटल उत्पादन पर ₹ 40,000 का लाभ हुआ। जबकि इस वर्ष उन्हें 1.5 क्विंटल के उत्पादन पर ₹ 50,000 का लाभ होने की उम्मीद है। इसके अलावा वह हल्दी उत्पादन से भी सालाना लगभग रुपए 35000 की आय अर्जित करते हैं।
आज उनकी कीवी की फसल न केवल अच्छी आमदनी का साधन बन रही है, बल्कि गाँव के 4–5 युवाओं को भी रोजगार का अवसर मिल रहा है।
पवन के खेत में प्रतिदिन लोग कीवी खरीदने आते हैं, जिससे स्थानीय कृषि पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है। इसके साथ ही वह पौड़ी जिले से बाहर भी अपने उत्पाद की आपूर्ति कर रहे हैं।
मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत का कहना है कि राज्य के युवा पारंपरिक खेती के साथ-साथ बागवानी और आधुनिक कृषि की ओर भी आगे बढ़ें, इसके लिए सभी विभाग समन्वित प्रयास कर रहे हैं। पवन जैसे युवा हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं, जिन्होंने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर न केवल स्वयं की आमदनी बढ़ायी है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार और आत्मनिर्भरता की राह भी प्रशस्त की है।
पवन ने अपनी सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यदि इच्छाशक्ति और सही मार्गदर्शन हो, तो खेती भी एक सम्मानजनक और सशक्त रोजगार बन सकती है। उन्होंने मुख्यमंत्री, जिला प्रशासन और उद्यान विभाग का आभार जताते हुए कहा कि सरकार की योजनाओं ने उन्हें नयी दिशा दी है।
उत्तराखंड सरकार की कीवी मिशन योजना ग्रामीण क्षेत्रों में नई संभावनाओं के द्वार खोल रही है। भटकोट गाँव के इस युवा किसान की उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि यदि मेहनत, सही मार्गदर्शन और सरकारी सहयोग एक साथ मिल जाएँ, तो खेती भी आत्मनिर्भरता और समृद्धि का सशक्त आधार बन सकती है।


