उत्तराखण्ड

बड़ी खबर (उत्तराखंड) आपदा के दौरान कराए गए कार्यों के कोई भी बिल नहीं रहेंगे पेंडिंग, होगा भुगतान‘‘आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की तत्काल हो मरम्मत ।।

“आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की तत्काल मरम्मत करें विभाग : सचिव आपदा प्रबंधन”

‘आपदा के दौरान कराए गए कार्यों के कोई भी बिल नहीं रहेंगे पेंडिंग, होगा भुगतान‘‘

‘‘स्वास्थ्य, राजस्व, शिक्षा और बाल विकास विभाग को प्राथमिकता से भवनों की मरम्मत कराने के निर्देश‘‘

पौड़ी-: सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन से संबंधित कार्यों की समीक्षा हेतु बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में सचिव ने स्पष्ट किया कि आपदा से क्षतिग्रस्त विभागीय परिसंपत्तियों की मरम्मत के लिए बजट की कोई कमी नहीं है। उन्होंने सभी विभागों को त्वरित गति से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की मरम्मत करने के निर्देश दिए।

मंगलवार को गढ़वाल मंडल आयुक्त सभागार में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने कहा कि आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की मरम्मत और पुनर्निर्माण संबंधी कार्य करवाने संबंधी मानकों में शिथिलता दी गई। इन कार्यों के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि उनके पास जेसीबी और अन्य मशीनों के बिल भुगतान हेतु अवशेष हैं, तो उनको प्रमाण सहित जिलाधिकारी कार्यालय प्रेषित करें। विभागों से प्रस्ताव मिलने के बाद नए और पुराने बिलों का भुगतान हो जाएगा। उन्होेंने आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से निर्गत मानकों के संबंध में शंकाओं का भी समाधान किया।

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गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने निर्देश देते हुए कहा कि स्वास्थ्य केंद्रों, स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और पटवारी चौकियों की मरम्मत करा लें। यदि भविष्य में किसी माध्यम से या निरीक्षण में यह शिकायत मिलती है कि किसी भवन की स्थिति खराब है, तो संबंधित विभागीय अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग इंजीनियरों से स्थलीय निरीक्षण करवा कर स्टीमेट तैयार कर जिलाधिकारी को भेंजे।

बैठक में लोक निर्माण विभाग दुगड्डा के अधिशासी अभियंता ने बताया कि पौड़ी-कोटद्धार राष्ट्रीय राजमार्ग पर आमसौड़ के समीप भूस्खलन से बाधित हो रहे यातायात को देखते हुए कोटद्वार-चरेथ मोटर मार्ग का सुदृढ़ीकरण कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोटद्वार में मालन पुल के दो पिलर तैयार हो गए हैं तथा आठ पर कार्य चल रहा है। जल्द ही स्लैब डालने का काम भी शुरू करा दिया जाएगा। बताया कि मार्च 2025 तक पुल निर्माण की डेड लाइन निर्धारित की गई है। आगामी मानसून काल से पहले ही उक्त पुल पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी।

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बैठक में बताया गया कि वर्ष 2024-25 में राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) में प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त परिसपंत्तियों की मरम्मत/पुनर्निर्माण कार्यों हेतु 11 करोड़ मिले थे। इसमें से 22 कार्यों पर 42 लाख 06 हजार रूपये व्यय हो चुके हैं। जिला प्रशासन द्वारा अनुगृह अनुदान, गृह अनुदान, अहेतुक सहायता और कृषि अनुदान में 63 लाख 13 हजार 913 रूपये वितरित किए जा चुके हैं।

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जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा प्रबंधन सचिव और गढ़वाल आयुक्त की ओर से दिए गए निर्देशों का अनुपालन करते हुए आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की मरम्मत/पुनर्निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर करवाया जाए। विभाग जल्दी से जल्दी उनके पास प्रस्ताव भेजें जिससे संबंधित योजना पर कार्य करवाया जा सके।

बैठक के बाद जिलाधिकारी डॉ0 चौहान ने आयुक्त गढ़वाल मण्डल व सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास को शॉल ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह् देकर सम्मानित किया।

बैठक में डीएफओ स्वप्निल अनिरूद्ध, सीडीओ गिरीश गुणवंत, अपर जिलाधिकारी इला गिरी, एसीएमओ डॉ. पारूल गोयल, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीपक रामचंद शेट, उप जिलाधिकारी श्रीनगर नुपूर वर्मा, उप जिलाधिकारी लैंसडौन शालिनी मौर्य और उप जिलाधिकारी सतपुली अनिल चिन्याल, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी दीपेश काला सहित विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

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