शिक्षकों की जायज़ मांगों का पूरा समर्थन करूंगा – विधायक सुमित हृदयेश
हल्द्वानी।
आज हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश के आवास पर राजकीय एल0टी0 समायोजित/पदोन्नत शिक्षक संघर्ष मंच उत्तराखण्ड के शिष्टमंडल ने शिष्टाचार भेंट कर अपनी समस्याओं एवं मांगों से अवगत कराया। इस अवसर पर शिष्टमंडल ने अधीनस्थ शिक्षा प्रशिक्षित (एल0टी0) सेवा नियमावली, 2014, संशोधित नियमावली 2019 तथा वर्ष 2024 में प्रस्तावित संशोधनों को लेकर अपना ज्ञापन विधायक को सौंपा।
शिष्टमंडल ने विस्तारपूर्वक बताया कि उनकी समस्याएँ लंबे समय से लंबित हैं और बार-बार शासन एवं विभागीय स्तर पर ध्यानाकर्षण कराने के बावजूद ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ है और यदि उनके साथ अन्याय होगा तो इसका प्रत्यक्ष असर विद्यार्थियों और संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था पर पड़ेगा।
शिष्टमंडल की मुख्य मांगें इस प्रकार रखी गईं –
• नियमावली में “पदोन्नति” शब्द के स्थान पर “समायोजन” शब्द को जोड़ा जाए।
• वर्ष 2009 से पूर्व की सेवा अवधि को नियमावली में शामिल किया जाए।
• वर्ष 2024 में प्रस्तावित संशोधनों को शीघ्र कैबिनेट से पारित कर शासनादेश जारी किया जाए।
विधायक सुमित हृदयेश ने शिष्टमंडल की बातों को गंभीरता से सुना और उनके साथ विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की ये मांगें पूरी तरह से न्यायसंगत एवं तर्कसंगत हैं और इन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। उन्होंने प्रतिनिधियों को आश्वस्त करते हुए कहा –
“मैं स्वयं कैबिनेट और सदन में इन मांगों को मजबूती के साथ उठाऊंगा। शासन स्तर पर प्रभावी हस्तक्षेप कर शिक्षकों को न्याय दिलाने का हरसंभव प्रयास करूंगा। शिक्षा व्यवस्था को बेहतर और सुदृढ़ बनाने के लिए शिक्षकों का सम्मान और उनके अधिकार सुरक्षित रखना मेरी प्राथमिकता है।”
उन्होंने आगे कहा –
“शिक्षक ही समाज की असली धरोहर हैं। नई पीढ़ी का भविष्य उनके ही हाथों में सुरक्षित है। अगर शिक्षक संतुष्ट और सशक्त होंगे तो शिक्षा व्यवस्था स्वतः मजबूत होगी। इसलिए उनके साथ खड़ा होना सिर्फ मेरा राजनीतिक दायित्व ही नहीं, बल्कि नैतिक जिम्मेदारी भी है।”
अतः इस सम्बन्ध में पदोन्नत शब्द के स्थान पर समायोजित कर के बेसिक की सेवाओं को जोड़ते हुए चयन और प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत किए जाएं।
इस दौरान दिगम्बर फ़ुलोरिया, कैलाश चंद्र पांडे, शिवराज सिंह बनकोटी, गणेश जोशी, रमेश चंद्र जोशी, मदन गिरी गोस्वामी, मनोज बनकोटी, आलोक परिहार, कैलाश चंद्र भट्ट, रविन्द्र कुमार, नवीन चंद्र जोशी, नवीन बृजवासी, मीना बिष्ट, ललित मोहन शाही, तीर्थ प्रकाश पाठक, उमेश जोशी मौजूद रहे।

