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**ज्योतिर्मठ–बद्रीनाथ में कड़ाके की ठंड, ऋषि गंगा का झरना जमा
नीति घाटी में नदियां-नाले जमे, सूखी ठंड से बढ़ीं बीमारियां**
ज्योतिर्मठ/देहरादून।
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में इन दिनों शुष्क मौसम के बीच कड़ाके की ठंड पड़ रही है। तापमान में भारी गिरावट के चलते बद्रीनाथ धाम के समीप बहने वाली ऋषि गंगा का पानी पहाड़ी पर ही झरने के रूप में जम गया है। वहीं, चमोली जनपद की नीती और माणा घाटी में भी तापमान में तेज गिरावट के कारण नदी, नाले और झरने पूरी तरह से जम चुके हैं।
इस वर्ष अभी तक पहाड़ों में बर्फबारी न होने से सूखी ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। सूखी ठंड के चलते लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र में सर्दी, जुकाम, हृदय रोग और दमा के मरीजों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. गौतम ने लोगों को ठंड से बचाव के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि अत्यधिक ठंड में नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्त संचार प्रभावित होता है और हृदय गति बढ़ने का खतरा रहता है। ऐसे में लोगों को सुबह सूर्य उदय के बाद ही मॉर्निंग वॉक के लिए घर से बाहर निकलना चाहिए और अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फ न पड़ने के कारण तापमान शून्य से माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। इसका असर यह हुआ है कि नीती और माणा घाटी में बहने वाले नदी-नाले और झरने जम गए हैं।
इधर, मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम का मिजाज बदला हुआ बना हुआ है। पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से शनिवार को देहरादून सहित आसपास के क्षेत्रों में आंशिक बादल छाए रहे। दिन में हल्की धूप रही, जबकि शाम के समय सर्द हवाओं के कारण ठिठुरन बढ़ गई। कुछ स्थानों पर दोपहर के समय तेज धूप भी खिली।
मौसम विभाग ने बताया कि रविवार को उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश और 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना है। प्रदेश के अन्य जिलों में मौसम शुष्क बना रह सकता है। आगामी 19 दिसंबर तक प्रदेशभर में मौसम शुष्क रहने के आसार हैं।
वहीं, बद्रीनाथ धाम में कड़ाके की ठंड का असर साफ दिखाई दे रहा है। बारिश न होने के कारण रात में जमकर पाला पड़ रहा है, जिससे तापमान माइनस 8 से 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है। ठंड के चलते ऋषि गंगा का पानी झरने की आकृति में जम गया है और धाम में बहने वाले अन्य छोटे नाले भी जमने लगे हैं।
वर्तमान में बद्रीनाथ धाम में सुरक्षा बल, बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के कर्मचारी और मास्टर प्लान के कार्य में लगे मजदूर ही मौजूद हैं, जो अत्यधिक ठंड के बीच अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं।




