पिथौरागढ़ निवासी शिवम कोठारी फ्रांस में अंतर्राष्ट्रीय सेवा स्वयंसेवक के रूप में चुने गए
विश्वविद्यालय के प्रतिभाशाली युवा शिवम कोठारी को फ्रांस सरकार ने सात महीने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सेवा स्वयंसेवक के रूप में चयनित किया है। शिवम कोठारी 3 नवंबर 2025 से 2 जून 2026 तक फ्रांस के औच शहर स्थित प्रतिष्ठित लाइसी एग्रीकोल ऑक, साइट डी बेलियु में अपने मिशन का संचालन करेंगे। उन्हें प्राध्यापक चांताल डेस्प्रैट्स के मार्गदर्शन में काम करने का अवसर मिलेगा, जो लाइसी एग्रीकोल में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। यह प्रशिक्षण संस्थान कृषि शिक्षा और तकनीकी प्रशिक्षण के लिए फ्रांस में प्रसिद्ध है। यह एक विशेष अंतर्राष्ट्रीय सहयोग कार्यक्रम है जिसका मुख्य उद्देश्य भारत-फ्रांस दोनों देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय गतिशीलता को बढ़ावा देना, खाद्य नवाचार तथा अंतरसांस्कृतिक गतिविधियों का आदान-प्रदान करना है। शिवम अंग्रेजी, हिंदी और फ्रांसीसी भाषाओं के माध्यम से स्थानीय छात्रों को भारतीय संस्कृति, भाषा और परंपराओं के बारे में प्रस्तुति देंगे। होली जैसे प्रमुख त्यौहारों का प्रचार-प्रसार करके भारतीय संस्कृति से स्थानीय समुदाय को परिचित कराएंगे। यह चयन न केवल शिवम के व्यक्तिगत विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत-फ्रांस के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऑक्सीटेनी सहयोग नामक संगठन शिवम कोठारी की इस अंतर्राष्ट्रीय सेवा यात्रा का समन्वय कर रहा है।
शिवम की इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान, अंतर्राष्ट्रीय मामलों के निदेशक डा. एच.जे. शिव प्रसाद, प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. एस.एस. गुप्ता, स्नातकोत्तर अध्ययन के अधिष्ठाता डा. लोकेश वार्ष्णेय सहित विश्वविद्यालय के अन्य प्रशासकों ने गर्व और प्रसन्नता व्यक्त की और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय मामलों के निदेशक डा. एच.जे. शिव प्रसाद ने उक्त संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि जुलाई 2023 में पंतनगर विष्वविद्यालय ने औच में स्थित (ईपीएलईएफपीए) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। इसी समझौते के तहत भारत और फ्रांस के बीच अंतर्राष्ट्रीय सेवा स्वयंसेवकों का आदान-प्रदान संभव हुआ है। औच में स्थित ईपीएलईएफपीए और डेफिया कार्यक्रम में शामिल 12 संस्थानों का संघ पंतनगर विष्वविद्यालय के साथ काम कर रहा है। शिवम इस मिशन के तहत पंतनगर विष्वविद्यालय के प्रथम छात्र हैं, जो उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र से हैं। शिवम ने अपनी बारहवीं तक की शिक्षा द एशियन एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पिथौरागढ़ से पूरी की। इसके बाद उन्होंने रुड़की इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बी-टेक सिविल इंजीनियरिंग में अपनी डिग्री प्राप्त की। इसी वर्ष उन्होंने पंतनगर विष्वविद्यालय से एम-टेक हाइड्रॉलिक इंजीनियरिंग की स्नातकोत्तर डिग्री भी प्राप्त की है। यह शिक्षा उन्होंने डा. एच.जे. शिव प्रसाद के मार्गदर्शन में प्राप्त की है। शिवम की इस उपलब्धि पर उनके परिजनों सहित पैतृक ग्राम जड़ापानी (गंगोलीहाट) में हर्ष का माहौल है। शिवम के पिता श्री दीपक चंद्र कोठारी पिथौरागढ़ (गौरीहाट) में शारीरिक शिक्षा के शिक्षक हैं और माता श्रीमती आनंदी कोठारी एक गृहणी हैं। उनकी बहन डा. दीक्षा कोठारी सेंट्रल हॉस्पिटल हल्द्वानी के नेफ्रोलॉजी विभाग में डॉक्टर हैं। शिवम अपनी इस सफलता का श्रेय पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान, विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय मामलों के निदेशक डा. एच.जे. शिव प्रसाद, एसोसिएट निदेशक डा. अनीता आर्या, सहायक निदेशक डा. श्वेता चौधरी, अपने माता-पिता और अपनी बहन को देते हैं। इसके अलावा, वे अपने भाइयों और मित्रों के भी विशेष आभारी हैं जिन्होंने प्रत्येक क्षण उनके साथ सहायता और समर्थन प्रदान किया है। शिवम पंतनगर विश्वविद्यालय के दूसरे छात्र हैं जिन्हें इस प्रतिष्ठित फ्रांस सेवा नागरिक कार्यक्रम के लिए चुना गया है। इस सात महीने की अवधि में शिवम विश्व स्तरीय कृषि प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे, अंतर्राष्ट्रीय अनुभव हासिल करेंगे और भारत-फ्रांस सांस्कृतिक सेतु के रूप में काम करेंगे। फ्रांस से वापसी के बाद, वे अपने देश में इस अनुभव का उपयोग करके अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और कृषि विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे। शिवम कोठारी का यह चयन उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों से निकलने वाली प्रतिभा का सबूत है और यह साबित करता है कि सही शिक्षा, मेहनत और समर्पण से कोई भी अंतर्राष्ट्रीय मंच प्राप्त कर सकता है।




